इशिका ठाकुर,करनाल:
- स्कूल में टीचरों की संख्या कम होने के चलते करनाल के घिड गांव के ग्रामीणों और विद्यार्थियों ने सड़क पर लगाया जाम।
ट्रांसफर पॉलिसी के परिणाम अच्छे नहीं
सरकार हमेशा हरियाणा के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था ठीक करने की बात कहती है और उस व्यवस्था को ठीक करने के लिए हरियाणा सरकार ने ट्रांसफर पॉलिसी चलाई हुई थी। उस ट्रांसफर पॉलिसी के परिणाम कुछ अच्छे नहीं निकल रहे। जहां पर टीचरों की संख्या पूरी थी ट्रांसफर पॉलिसी के चलते वहां पर संख्या बहुत कम हो गई है। जिससे स्कूल के विद्यार्थियों को सलेब्स पूरे करने में बहुत समस्या हो रही है। जिस का विरोध करते हुए आज करनाल के गांव के विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने रोड जाम कर रोष जाहिर किया।
सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा का हवाला देकर सरकारी विभाग छात्रों का दाखिले तो कर लेती है लेकिन जब टीचर की ट्रांसफर होती है और रिक्त पदों पर किसी टीचर की नियुक्ति नहीं होती तो छात्रों को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ता है और ऐसे ही नजारा आज करनाल के गांव में देखने को मिला। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और रास्ता जाम कर दिया। सरकार से सिर्फ एक ही मांग उनके स्कूल में टीचरों की संख्या पूरी करें अन्यथा विरोध प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा।
छात्राओं का सिलेबस पूरा नहीं हुआ
छात्राओं ने बताया कि आने वाली 29 तारीख से उनके पेपर होने हैं लेकिन अभी तक उनका सिलेबस ही पूरा नहीं हो पाया है। 12वीं की पढ़ाई वालों के लिए सबसे ज्यादा दिक्कत है क्योकि बोर्ड की पढ़ाई और पांच छह महीने में कैसे सिलेबस पूरा होगा। हमें कहा जा रहा है कि कल तक टीचर आ जाएंगे लेकिन हम यहां बैठे रहेंगे जब कल टीचर आ जाएंगे तो यहीं से स्कूल के अंदर जायेंगे । ग्रामीणों का कहना है कि सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है प्रिंसिपल से बात की गई तो वह बता रहे हैं कि 2 महीने पहले टीचरों की रिक्वायरमेंट डाली गई थी लेकिन अभी तक कोई टीचर नहीं आया।
ग्रामीणों और छात्राओं ने करीब 2 घंटे तक करनाल घिड़ मार्ग पर जाम लगा कर रखा, इस दौरान विद्यार्थियों को एंबुलेंस को रास्ता दिया ताकि किसी के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए। जाम की सूचना मिलने पर पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंची और आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम खोल दिया।
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