Vijaya Ekadashi  : Fast on 26 February विजया एकादशी व्रत 26 फरवरी को

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Vijaya Ekadashi  : Fast on 26 February

आज समाज डिजिटल, अम्बाला:
Vijaya Ekadashi: Fast on 26 February:
  एकादशी नाम और महत्व अलग अलग बताए गए हैं।एकादशी व्रत हर महीने में दो बार आता है, सभी एकादशी के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं। शास्त्रों में एकादशी  व्रत को श्रेष्ठ और मोक्ष दिलाने वाला बताया है। शास्त्रों में हर एकादशी के नाम और महत्व अलग अलग बताए गए हैं। की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के पूर्व जन्म के पापों का अंत होता है, साथ ही ये एकादशी शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली और हर क्षेत्र में सफलता दिलाने वाली मानी जाती है।

विजया एकादशी व्रत Vijaya Ekadashi: Fast on 26 February

एकादशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी 2022, शनिवार के दिन सुबह 10:39 मिनट से होगी और तिथि का समापन 27 फरवरी, रविवार सुबह 08:12 मिनट पर होगा. उदया तिथि के हिसाब से विजया एकादशी का व्रत 27 फरवरी को रखा जाएगा. एकादशी तिथि समाप्त होने के बावजूद भी तिथि का प्रभाव पूरे दिन रहेगा, इसलिए आप ये व्रत 27 फरवरी को ही रखें. व्रत पारण के लिए शुभ समय 28 फरवरी सोमवार को सुबह 06:48 से 09:06 बजे तक है.

विजया एकादशी पर दो शुभ योग (Vijaya Ekadashi: Fast on 26 February

इस बार विजया एकादशी पर दो शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग भी बन रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 27 फरवरी को सुबह 08:49 बजे से लग रहा है, जो अगले दिन सुबह 06:48 बजे तक रहेगा. वहीं त्रिपुष्कर योग 27 फरवरी की सुबह 08:49 बजे से प्रारंभ हो रहा है। ये 28 फरवरी को सुबह 05:42 बजे तक मान्य होगा।

ऐसे रखें व्रत (Vijaya Ekadashi: Fast on 26 February

एकादशी व्रत कठिन माना जाता है क्योंकि इसके नियम दशमी की शाम से लागू हो जाते हैं और द्वादशी की सुबह व्रत पारण तक मान्य होते हैं।

अगर आप ये व्रत रखना चाहते हैं 26 फरवरी की शाम को सूर्यास्त के बाद सात्विक भोजन करें। द्वादशी के दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करें। एकादशी के दिन सु​बह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान के सामने व्रत का संकल्प लें।

Vijaya Ekadashi  : Fast on 26 February

 

दिनभर व्रत रखें, भगवान नारायण को पीला चंदन, रोली, अक्षत, पुष्प, तुलसी, प्रसाद, वस्त्र, दक्षिणा आदि अर्पित करें. व्रत कथा पढ़ें या सुनें और आरती करें। संभव हो तो व्रत निर्जल रखें, अगर न रह सकें तो फलाहार और जल ले सकते हैं। एकादशी रात में जागरण करके भगवान भजन और ध्यान करें।द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन कराकर यथा सामर्थ्य दान दक्षिणा दें।

विजया एकादशी का महत्व (Vijaya Ekadashi: Fast on 26 February

मान्यता है कि विजया एकादशी व्रत व्यक्ति को मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। यदि आपको शत्रुओं ने घेर रखा है तो नारायण की शरण में जाकर​ विधिवत विजया एकादशी का व्रत रखना चाहिए। शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं इस व्रत का महत्व युधिष्ठिर को बताया था, जिसके बाद पाण्डवों ने कौरवों पर विजय की प्राप्ति हुई थी।

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