उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा पिछले महीने 8 विजीलेंस मामलों के संबंध में विभिन्न सक्षम अदालतों में चालान पेश किए गए। इसके अलावा, कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की गहराई से जांच करने के लिए 7 मामलों में विजीलेंस जांच भी दर्ज की गई। उन्होंने यह भी बताया कि इसी दौरान 9 आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए, जिनमें 13 कर्मचारी और 6 अन्य व्यक्ति शामिल हैं।
अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जालंधर की एक अदालत ने पिछले महीने ब्यूरो द्वारा दायर किए गए रिश्वतखोरी के एक मामले का फैसला सुनाया, जिसमें इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर में तैनात जूनियर सहायक संदीप मित्र को दोषी करार देते हुए 5 साल की कैद और 20,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।