भाजपा केनेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप एक विधि की छात्रा नेलगाया था। इस मामले में एक कथित वीडियो चिन्मयानंद का लीक हुआ था जिसमें वह मालिशा कराते दिख रहेथे। उस छात्रा ने आज विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान अपना बयान बदल दिया। छात्रा ने बयान में कहा कि उसने पूर्व मंत्री पर कोई इस तरह का आरोप नहीं लगाया है जिसे कि अभियोजन पक्ष आरोप के तौर पर प्रस्तुत कर रहा है। उसकी इस बात से अभियोजन पक्ष खासा नाराज हुआ और आरोपों से मुकरने पर छात्रा के खिलाफ अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत तुरंत अर्जी दाखिल की। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अभियोजन पक्ष को यह अर्जी दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही इसकी प्रति पीड़िता व अभियुक्त को देने का भी आदेश दिया, ताकि वे इस पर अपना जवाब दाखिल कर सकें। इस मामले की अगली सुनवाईइसी महीने की 15 तारीख को होगी। सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने अपनी अर्जी में कहा है कि पांच सितंबर, 2019 को पीड़िता ने स्वयं इस मामले की एफआईआर नई दिल्ली के थाना लोधी कालोनी में दर्ज कराई थी। इस एफआईआर को उसके पिता की ओर से शाहजहांपुर में दर्ज कराई गई पहली एफआईआर के साथ संबद्ध कर दिया गया। इसके बाद एसआईटी ने इस मामले की जांच शुरू की। उसने सीआरपीसी की धारा 161 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज किया।
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