नई दिल्ली। 15 दिसंबर से सभी टोल प्लाजा फास्टैग लेन घोषित हो जाएंगे। इसे लगाने वालों की संख्या बढ़े, इसके लिए केंद्र सरकार फास्टैग से ईंधन भरने, पार्किंग का शुल्क भरने आदि की सुविधा शुरू करने जा रही है। अगले वर्ष से केंद्र सरकार नई व्यवस्था शुरू करेगी। इसके तहत उन्हीं वाहनों का इंश्योरेंस हो सकेगा, जिन पर फास्टैग लगा होगा। इसका मकसद सभी वाहनों पर फास्टैग लगाना है।
परिवहन मंत्रालय ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रोग्राम के तहत देशभर के राजमार्गो पर टोल बूथ पर बिना रुके यातायात संचालित करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी (आरएफआइडी) को लागू किया है। नवंबर में परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 70 लाख से अधिक फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। इसे लगाने वाले वाहनों की संख्या और बढ़े, इसके लिए सरकार ने पायलेट प्रोजेक्ट के तहत फास्टैग 2.0 शुरू किया है।ं
इसकी शुरूआत हैदराबाद एयरपोर्ट से हुई, जिसे बाद में दिल्ली एयरपोर्ट में शुरू किया जाएगा। इसके तहत फास्टैग से पार्किंग शुल्क भरने की सुविधा दी जा रही है। आने वाले समय में पेट्रोल पंप पर तेल भराने जैसी अन्य सुविधा भी शुरू होगी। इसी कड़ी में अब सरकार इस तैयारी में जुट गई है कि आने वाले दिनों में उन्हीं वाहनों का इंश्योरेंस किया जाएगा, जिन पर फास्टैग लगा होगा। अगले वर्ष जनवरी के आखिरी तक ये व्यवस्था शुरू सकती है। इस समय एनएचएआइ के राजमार्गों पर कुल 537 टोल प्लाजा हैं। ये सभी फास्टैग से लैस हो जाएंगे।
एनएचएआइ की ओर से छूट प्राप्त वाहन जिनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गवर्नर, लोकसभा, राज्य सभा सदस्य, मंत्री, सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, सैन्य अफसर, आदि के वाहनों के लिए 5000 फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। सांसदों को दो फास्टैक जारी किए जाएंगे। एक उनके संसदीय क्षेत्र के लिए व दूसरा दिल्ली के लिए। सरकारी वाहन के लिए पांच वर्ष व निजी वाहन के लिए एक वर्ष तक ये मान्य होगा। रिन्यू एनएचएआइ के मुख्यालय से होगा।
एनएचएआइ के डीजीएम मुदित गर्ग ने बताया कि फास्टैग लगाने वाले वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सभी वाहनों पर फास्टैग लग सके इसके लिए सरकार की ओर से ये व्यवस्था शुरू करने की तैयारी हो रही है जिसके तहत उन्हीं वाहनों का इंश्योरेंस होगा जिसमें फास्टैग लगा होगा।