इशिका ठाकुर, करनाल:
Veer Chandrashekhar Azad: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक क्रांतिकारी वीर चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर आज प्रदेश की सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में भावांजलि अर्पित कर हरियाणा बोलेगा वंदे मातरम के उद्घोष के साथ बलिदान दिवस के कार्यक्रम हुए।
शहीद चंद्रशेखर आज़ाद को की भावांजली अर्पित Veer Chandrashekhar Azad
इसी को लेकर आज करनाल विधानसभा क्षेत्र के रामलीला मैदान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सरदार हरपाल सिंह चीका,मुख्यमंत्री के मीडिया कॉरडीनटर जगमोहन आनंद,प्रतिनिधि संजय बठला, किसान मोर्चो प्रदेश कार्यकारिणी महामंत्री राजेंद्र संधू, स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा कार्यकारी वाईस चैयरमैन सुभाष चन्द्र व भाजपा के अन्य कार्यकर्ताओं ने शहीद चंद्रशेखर आज़ाद को भावांजली अर्पित की|
इस मौके पर कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित भाजपा किसान मोर्चो राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आजाद एक ऐसा शब्द है जो महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद के साथ जुड़ा है। इन्होंने अपनी पूरी जिंदगी को आजाद रखने का चुनाव किया था और उसे आखिरी सांस तक निभाया भी।
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चंद्रशेखर को ‘आजाद’ नाम एक खास वजह से मिला Veer Chandrashekhar Azad
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर को ‘आजाद’ नाम एक खास वजह से मिला। चंद्रशेखर जब 15 साल के थे तब उन्हें किसी केस में एक जज के सामने पेश किया गया। वहां पर जब जज ने उनका नाम पूछा तो उन्होंने ने कहा, ‘मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है’। जज ये सुनने के बाद भड़क गए और चंद्रशेखर को 15 कोड़ों की सजा सुनाई, यही से उनका नाम आजाद पड़ गया। चंद्रशेखर पूरी जिंदगी अपने आप को आजाद रखना चाहते थे।
मातृभूमि के लिए दी प्राणों की आहुति Veer Chandrashekhar Azad
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों से लड़ाई करने के लिए चंद्रशेखर आजाद इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में सुखदेव और अपने एक अन्य साथियों के साथ बैठकर आगामी योजना बना रहे थे। इस बात की जानकारी अंग्रेजों को पहले से ही मिल गई थी। जिसके कारण अचानक अंग्रेज पुलिस ने उन पर हमला कर दिया। आजाद ने अपने साथियों को वहां से भगा दिया और अकेले अंग्रेजों से लोहा लगने लगे।
इस लड़ाई में पुलिस की गोलियों से आजाद बुरी तरह घायल हो गए थे। वे सैकड़ों पुलिस वालों के सामने 20 मिनट तक लड़ते रहे थ। उन्होंने संकल्प लिया था कि वे न कभी पकड़े जाएंगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। इसीलिए अपने संकल्प को पूरा करने के लिए अपनी पिस्तौल की आखिरी गोली खुद को मार ली और मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी।
पूरा जीवन देश की आजादी की लड़ाई के लिए कुर्बान किया Veer Chandrashekhar Azad
इस मौके पर मीडिया कॉरडीनटर जगमोहन आनंद ने शहीद चंद्रशेखर आजाद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ था। इन्होंने अपना पूरा जीवन देश की आजादी की लड़ाई के लिए कुर्बान कर दिया।
चंद्रशेखर बेहद कम्र उम्र में देश की आजादी की लड़ाई का हिस्सा बने थे और चंद्रशेखर आजाद ने रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में काकोरी कांड (1925) में पहली बार सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके बाद चंद्रशेखर ने 1928 में लाहौर में ब्रिटिश पुलिस ऑफिसर एसपी सॉन्डर्स को गोली मारकर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया।
कार्यक्रम में यह रहे मौजूद Veer Chandrashekhar Azad
कार्यक्रम के दौरान भाजपा किसान मोर्चो प्रदेश महामंत्री राजेंद्र संधू ने शहीद चंद्रशेखर आजाद को भावांजलि अर्पित करते हुए कार्यक्रम मे उपस्थित सभी का स्वागत व धन्यवाद किया।
इस मौके पर भाजपा किसान मोर्चो प्रदेश महामंत्री राजेंद्र संधू के अतिरिक्त किसान मोर्चो उपाध्यक्ष कर्णे सिंह संधू,किसान मोर्चो अर्बन मंडल अध्यक्ष रोहित बतान,जिला महामंत्री सुनील गोयल, मीडिया प्रमुख डा अशोक कुमार, मंडल अध्यक्ष राजेश अघी,जसपाल वर्मा, सुनील गुप्ता,पार्षद युद्धवीर सैनी,रजनी प्रोचा,
दीपक गुप्ता, विकास तंवर, भुपिंदर नौतना,गिन्नी, पवन वालिया,जिलाध्यक्ष (महिला मोर्चा) मीनाक्षी भिंडर, उपाध्यक्ष प्रियंका काठपाल, अनीता जोशी, अर्बन मंडल अध्यक्ष अल्का चौधरी, गीता बहल, कृष्णा गुप्ता, मीनू चावला, अरुणा पंवार, सविता कपूर, सुषमा चोपड़ा सहित सेंकडों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
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