Veer Bal Diwas Celebrated in Mahendragarh : गुरुद्वारा किला मुबारक महेंद्रगढ़ में मनाया गया वीर बाल दिवस

0
161
गुरुद्वारा किला मुबारक में मत्था टेकते प्रो. रामबिलास शर्मा।
गुरुद्वारा किला मुबारक में मत्था टेकते प्रो. रामबिलास शर्मा।
  • सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने मुगलों के जुल्म के आगे अपना सिर नहीं झुकाया और हंसते-हंसते शहादत दे दी : रामबिलास शर्मा

Aaj Samaj (आज समाज),Veer Bal Diwas Celebrated in Mahendragarh, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :

शहर के अंबेडकर चौक के नजदीक स्थित गुरुद्वारा किला मुबारक में मंगलवार को वीर बाल दिवस मनाया गया। जिसमे पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने गुरुद्वारा पहुंचकर माथा टेक कर सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार की शहादत को नमन किया ओर गुरुवानी सुनी। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी ने उनका शॉल ओढ़कर सम्मान किया।

इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि छोटे साहिबजादों का स्मरण आते ही लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है और सिर श्रद्धा से झुक जाता है। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद आज 26 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के साहस को श्रद्धांजलि देने के लिए वीर बाल दिवस पूरे देश-विदेश में मनाया जा रहा है। गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब उस स्थान पर खड़ा है, जहां साहिबजादों ने आखिरी सांस ली।

26 दिसंबर को सरहिंद के नवाज वजीर खान ने माता गुजरी और दोनों छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को ठंडा बुर्ज में खुले आसमान के नीचे कैद कर दिया। वजीर खान ने दोनों छोटे साहिबजादों को अपनी कचहरी में बुलाया और डरा-धमकाकर उन्हें धर्म परिवर्तन करने को कहा लेकिन दोनों साहिबजादों ने ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारे लगाते हुए धर्म परिवर्तन करने से मना कर दिया। यह सुन वजीर खान तिलमिला उठा और दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवार में चिनवाने का हुक्म दे दिया और साहिबजादों को शहीद कर दिया।

यह खबर जैसे ही माता दादी माता गुजरी के पास पहुंची, उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए। इस अवसर पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुधीर दीवान, देवेन्द्र यादव, मण्डल अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, कैलाश सैनी, अशोक कुमार सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें  : Srimad Bhagwat Katha : भक्ति की कोई उम्र नहीं ये ध्रुव भक्त से सीखिए :- दास मोहित कौशिक