Veer Bal Diwas 2024: ‘वीर बल दिवस’ भारतीयता की रक्षा के लिए एक अटूट संकल्प का प्रतीक : मोदी

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Veer Bal Diwas 2024: ‘वीर बल दिवस’ भारतीयता की रक्षा के लिए अटूट संकल्प का प्रतीक : मोदी
Veer Bal Diwas 2024: ‘वीर बल दिवस’ भारतीयता की रक्षा के लिए अटूट संकल्प का प्रतीक : मोदी

Veer Bal Diwas, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में अंतिम सिख गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों की शहादत की याद में मनाए जाने वाले ‘वीर बाल दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ‘वीर बल दिवस’ को भारतीयता की रक्षा के लिए एक अटूट संकल्प का प्रतीक बताया। कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

साहिबजादों के अदम्य साहस पर प्रकाश डाला

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दोनों साहिबजादों के अदम्य साहस पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘वीर बल दिवस’ चुनौतियों का सामना करने में निडरता की भावना को प्रदर्शित करता है। इसलिए यह भारतीयता की रक्षा के लिए एक अटूट संकल्प का प्रतीक है। दिवस के महत्व का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, यह दिन हमें याद दिलाता है कि जब बहादुरी की बात आती है तो उम्र कोई मायने नहीं रखती।

कार्यक्रम सिख गुरुओं की विरासत को भी श्रद्धांजलि

मोदी ने कहा, यह कार्यक्रम विशेष रूप से गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चार उन वीर साहिबजादों की विरासत को श्रद्धांजलि देता है, जिनका अदम्य साहस हर भारतीय को प्रेरित करता है। कार्यक्रम सिख गुरुओं की विरासत को भी श्रद्धांजलि है। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा गायन और मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया गया।

चमकौर और सरहिंद की ऐतिहासिक लड़ाइयों को किया याद

प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि ‘वीर बल दिवस’ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। बता दें कि इस मौके पर अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, आस्ट्रेलिया, ग्रीस और न्यूजीलैंड में भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने चमकौर और सरहिंद जैसी ऐतिहासिक लड़ाइयों को याद किया और इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारतीयों ने उन चुनौतीपूर्ण समय में क्रूरता का सामना गरिमा के साथ किया।

साहिबजादों का बलिदान आज के भारत के लिए प्रेरणा

पीएम मोदी भारत की वैश्विक धारणा में आए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, आज जब हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं, तो दुनिया का नजरिया भी बदल गया है। उन्होंने गुलामी की मानसिकता को त्यागते हुए भारत की मानसिकता में आए बदलाव की सराहना की और देश की क्षमताओं, प्रेरणाओं और इसके लोगों पर भरोसा जताया। मोदी ने कहा, साहिबजादों का बलिदान आज के भारत के लिए प्रेरणा का विषय है। प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था, विज्ञान, अनुसंधान, खेल और कूटनीति से जुड़े वैश्विक मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अवसरों की भूमि के रूप में भारत की भूमिका को दोहराया।

जानिए क्यों मनाया जाता है दिवस

मुगल शासक वजीर खान ने 26 दिसंबर 1705 को सिख गुरु गोविंद सिंह जी के दो छोटे पुत्रों (साहिबजादों) फतेह सिंह और जोरावर सिंह पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया था, लेकिन दोनों साहिबजादों ने इस्लाम कबूल करने से इनकार कर दिया था। इससे गुस्साए शासक वजीर खान ने दोनों साहिबजादों को दीवार में जिंदा चिनवा दिया था। इस तरह सिख गुरु गोबिंद सिंह के 4 साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए 2022 से बाल दिवस मनाया जाता है।

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