VC’s resentment in Jamia violence case, say don’t spoil Jamia’s name- Najma Akhtar: जामिया हिंसा मामले में वीसी की नाराजगी, कहा जामिया का नाम खराब न करें- नजमा अख्तर

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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जगह-जगह पर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। जामिया में कल हिंसा और पुलिस के द्वारा आसू गैस के गोले छोड़े गए। आज हिंसा मामले पर यूनिवर्सिटी की वाइसचांसलर नजमा अख्तर मीडिया के सामने आर्इं और उन्होंने कहा कि अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें हैं कि दो छात्रों की मौत पुलिस की कार्रवाई में हुई है यह गलत है। हम इसका पुरजोर तरीके से खंडन करते हैं। हमारे किसी भी विद्यार्थी की मौत नहीं हुई है। करीब 200 लोग इसमें घायल हुए हैं, जिनमें से बहुत से हमारे विद्यार्थी थे। बता दें कि नागरिकता कानून पर प्रदर्शन के दौरान जामिया के अंदर लाइब्रेरी तक में पुलिस घुस गई थी और छात्रों पर आसू गैस के गोले फेंके गए थे। पुलिस और छात्रों के बीच झड़प मामले पर जामिया कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि विश्वविद्यालय की संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है। बहुत से कीमती इंस्टूमेंट टूटे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में हम पुलिस की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने अपनी बर्बरता से छात्रों को डराया है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस बिना अनुमति के हमारे परिसर में आई थी, छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे थे और काम कर रहे थे।

साथ ही उन्होंने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई के तथ्यों को मानव संसाधन विकास मंत्री के समक्ष पेश करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि हिंसा में घायल 200 छात्र-छात्राओं की सूची हमारे पास है। वीसी नजमा ने मीडिया के सामने ब्रीफिंग में कहा कि हम संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे। पुलिस की कार्रवाई के लिए हम उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं। साथ ही उन्होंने अपील की कि जामिया का नाम खराब न करें। कहीं भी अगर लिखते हैं तो वहां की जगह का नाम दे न कि जामिया का नाम या उसके आस-पास कहें। इससे जामिया का नाम खराब हो रहा है। उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। जामिया मिल्लिया के रजिस्ट्रार एपी सिद्दिकी ने कैंपस में फायरिंग की बात पर कहा कि हमने ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर और अन्य सीनियर अधिकारियों से बातचीत की और उन्होंने इस अफवाह का खंडन किया।