Aaj Samaj (आज समाज), Vastu Tips, अंबाला :
वास्तु के मुताबिक घर में मंदिर स्थापित करने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा को चुनना चाहिए. वास्तु के मुताबिक कुछ ऐसी चीजें होती है .जिन्हें पूजा घर में रखना शुभ नहीं माना जाता. आइए वास्तु के अनुसार जानते हैं घर के मंदिर और पूजा-पाठ से जुड़ी खास बातें…
पूजन के दौरान भक्त का मुख किस दिशा में होना चाहिए
हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजा करते समय भगवान का मुख और हमारा मुख सही दिशा में होना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि यदि गलत दिशा की ओर मुख करके पूजा की जाती है तो वो पूरी तरह से स्वीकार्य नहीं होती है।
पूजा पाठ करने से हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, इसलिए सही दिशा में बैठकर किया गया पूजन ही अच्छा होता है। पूजा करते समय आपका मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए। यह पूजन के लिए सबसे अच्छी दिशा मानी जाती है। आप पूर्व दिशा की ओर मुख करके भी पूजा कर सकते हैं, लेकिन कभी भी दक्षिण की ओर मुख करके पूजा न करें।
घर के मंदिर को अंधेरे स्थान पर न रखें
कभी भी घर के मंदिर को किसी अंधेरी जगह में नहीं रखना चाहिए। सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है इसलिए मंदिर को सूर्य की रोशनी के आस-पास ही रखना सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। यदि मंदिर और मूर्तियां अंधेरे स्थान पर रखी जाती हैं तो ये घर में वास्तु दोष का कारण बन सकता है।
यदि आप मंदिर और मूर्ति स्थापना की जगह और दिशा वास्तु के अनुसार निर्धारित करेंगी तो आपके जीवन में सदैव सुख समृद्धि बनी रहेगी।
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