श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में दीपावली महोत्सव पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित

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Various competitions organized on Deepawali festival in Shri Krishna School
Various competitions organized on Deepawali festival in Shri Krishna School
  • रंगोली बनाना एक कला, हिंदू धर्म में सुख समृद्धि का प्रतीक होती है रंगोली – कर्मवीर राव
  • रंगोली प्रतियोगिता में कोहिनूर, दिव्या व वंशिका रही प्रथम
    नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ः
    श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ में दीपावली महोत्सव को लेकर रंगोली व कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि स्कूल के एम.डी. कर्मवीर राव उपस्थित रहे वहीं अध्यक्षता स्कूल प्राचार्य वीरेंद्र सिंह द्वारा की गई। मिडल हेड सुरेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ मे बुधवार को कार्ड मेकिंग व रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।

रंगोली प्रतियोगिता में कोहिनूर, दिव्या व वंशिका रही प्रथम

कार्ड मेंकिंग प्रतियोगिता में छठी से आठवीं के लड़कों तथा रंगोली में लड़कियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। उन्होंने बताया कि रंगोली प्रतियोगिता में कक्षा आठवीं से वंशिका प्रथम, विधि द्वितीय व रिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कक्षा सातवीं से दिव्या प्रथम, सुभी द्वितीय व रूद्रांशी ने तृतीय तथा कक्षा छठी से कोहिनूर प्रथम, निधी द्वितीय व गरिमा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता में कक्षा आठवीं से मधुसूदन प्रथम, पुनीत ने द्वितीय व भूमित ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा सातवीं से प्रतीक प्रथम, युवराज ने दूसरा व हार्दिक, रितेश ने तृतीय स्थान प्राप्त किया वहीं कक्षा छठी से मयंक प्रथम, कार्तिक द्वितीय व प्रांजल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

विभिन्न रंगों एवं फूलों से बनाई गई रंगोली

इस मौके पर स्कूल के एमडी कर्मवीर राव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में रंगोली सुख व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। रंगोली बनाना एक कला है जिससे हम सकारात्मकता महसूस करते हैं तथा जिससे तनाव से मुक्ति भी मिलती है। रंगोली मष्तिष्क को ऊर्जावान एवं सक्रिय बनाने के साथ-साथ बौद्धिक विकास में अहम रोल अदा करती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न रंगों एवं फूलों से बनाई गई रंगोली आस-पास के वातावरण में सकारात्मक उर्जा का संचार करती है। जिससे मन प्रसन्न एवं वातावरण भी सकारत्मक होता है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में आंगन एवं द्वार पर रंगोली बनाना बेहद शुभ माना जाता है। त्योहारों पर रंगोली का महत्त्व ओर भी बढ़ जाता है।

भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा है रंगोली

इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य वीरेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ-साथ रंगोली बनाने की इस लोककला में काफी बदलाव आए है, जमाना चाहे कितना भी बदल जाए, पर आज भी त्योहारों पर रंगोली बनाई जाती है जो खुशियों में चार चांद लगा देती है। रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा एवं लोक कला है। उन्होंने कहा कि अभिनय के रंगमंच रंगोली जीवन रूपी इंद्रधनुष को नये-नये रंगों के द्वारा एक नया साकार आयाम देती है। रंगोली का रंगमंच आत्मीय जीवन की प्रेरणा तथा मानव जीवन की अभिप्रेरणा है।

इस मौके पर समस्त स्टाफ उपस्थित रहा

कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पैन, पैंसिल व नोटबुक देकर सम्मानित भी किया। इस मौके पर पीआरओ सुधीर यादव, मिडल हैड सुरेंद्र कुमार, उर्मिला, मंजू, प्रवीन कोथल सहित स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

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