बीते डेढ़ साल से हमारा देश लगातार कोरोनावायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। इसी बीच कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान हम सभी ने महामारी का सबसे क्रूर चेहरा भी देखा, जब हमारे देश में रोजाना आने वाले कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा 4.5 लाख को भी पार कर गया था और प्रतिदिन 4 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो रही थी। हालांकि, दूसरी लहर का पीक गुजर चुका है। इसके बावजूद देश में रोजाना कोविड-19 के करीब 40 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं और सैकड़ों मरीजों की मौत हो रही है। बीते 24 घंटों की बात करें तो देशभर में कोरोनावायरस के 39,070 नए मामले सामने आए हैं और 491 लोगों की मौत हुई है। कोरोना वायरस को मात देने के लिए वैक्सीनेशन सबसे ताकतवर हथियार है। जिसे देखते हुए भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में तेजी से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
कितने समय तक असरदार रहेगी वैक्सीन द्वारा बनी एंटीबॉडी
कोरोना वैक्सीन हमारे शरीर में जाने के बाद ऐसी एंटीबॉडी तैयार करता है जो कोरोनावायरस से लड़ने में सक्षम होती है। वैक्सीन हमें गंभीर बीमारी और मृत्यु जैसी अनहोनी से सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन लोगों के मन में ये एक बड़ा सवाल है कि आखिर वैक्सीन द्वारा हमारे शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी कितने समय तक प्रभावी रहती हैं। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित एम्स अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर ने इस सवाल का जवाब दिया। डॉ. मिश्रा ने कहा कि वैक्सीन का पूरा रिस्पॉन्स करीब 9 महीने तक रहता है. इसमें 6 महीने तक तो एंटीबॉडीज पूरी तरह प्रभावी रहती हैं, उसके बाद इसका असर थोड़ा हो सकता है। अभी सभी लोगों को वैक्सीन की दो डोज लगाई जा रही हैं और हो सकता है कि एक साल बाद कोई बूस्टर डोज भी दी जाए. इस विषय पर कई जगह शोध चल रहा है।