(Utterpardesh News) गाजियाबाद। इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम (आईसीडीएस) के द्वारा स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के सहयोग से कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय, मुकीमपुर में किशोरियों के पोषण के बारे में जानकारी दी गई। रंगोली, पोषण कॉर्नर और चाट के बाद किशोरियों को समझाने का प्रयास किया गया है कि पोषण क्यों जरूरी है और उसके लिए क्या करें। इसके साथ ही जंक फूड के दुष्प्रभावों को जानकारी भी छात्राओं को दी गई। बता दें कि सितंबर माह को हर साल पोषण माह के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम के दौरान एक नाटक का मंचन भी किया गया
आईसीडीएस इस कार्यक्रम का नोडल विभाग है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य विभाग इस कार्यक्रम में सहयोगी की भूमिका में रहते हैं। बाल विकास परियोजना अधिकारी, भोजपुर सुमन वशिष्ठ ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान एक नाटक का मंचन भी किया गया। नाटक के जरिए एनीमिया (खून की कमी) से बचाव की जानकारी दी गई। बताया कि पौष्टिक आहार के साथ ही इसमें स्वच्छता की भी बड़ी भूमिका होती है। किशोरियों की एनीमिया जांच के साथ उन्हें यह भी बताया गया कि किशोरियों के स्वास्थ्य की जांच कराने कराने के लिए समय-समय पर उनकी लंबाई और वजन की जांच किया जाना भी जरूरी है। कस्तूरबा बालिका विद्यालय की छात्राओं कार्यक्रम के दौरान मेंसुरेशन हाईजीन की भी जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि क्यों हर आठ घंटे पर सेनेटरी पैड बदलना जरूरी होता है। सेनेटरी पैड के स्थान पर गंदा कपड़ा इस्तेमाल करने के दुष्प्रभावों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। किशोरियों को बताया गया कि सेनेटरी पैड लेने में संकोच न करें। इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। शारीरिक स्वच्छता के लिए सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करना जरूरी है। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को सेनेटरी पैड के साथ ही आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां भी वितरित की गईं। छात्राओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम, एएनएम, क्षेत्रीय मुख्य सेविका एवं मुकीम गांव की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं मौजूद रहीं।
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