- युवती से 35 दिन में 58 बार मंगाई अपने खाते में रकम
(UtterPardesh News) गाजियाबाद। ऑनलाइन दोस्ती गाजियाबाद की एक युवती को महंगी पड़ गई। युवती से डेटिंग एप पर मिला एक युवक बिना मिले ही युवती के दिल में ऐसा उतरा कि उसे 22 लाख की चपत लगाया। हैरत की बात यह है कि दिल्ली में बताए गए पते युवती तब पहुंची जब 22 लाख रुपये से अधिक की नकदी लुटा दी। पता फर्जी निकला और युवती के सामने अपना सिर पकड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। खैर, युवती ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। जानकारी के मुताबिक सिहानी गेट थानाक्षेत्र निवासी युवती की बातचीत डेटिंग एप के जरिए पांच जुलाई को आकाश अग्रवाल नामक युवक के संपर्क में आई। युवती को आरोपित ने बताया कि वह सरकारी कर्मचारी है और एनएसए में काम करता है। मूल रूप से खुद को राजस्थान के कोटा का बताया और मौजूदा समय में दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव में रहना बताया। युवक ने बताया कि उसके माता-पिता सेना में हैं और लद्दाख की गलवान घाटी में तैनात हैं। युवक ने बताया कि उसकी पदोन्नति होने वाली है और इस प्रक्रिया के पूर्ण होने तक 10 जुलाई से तीन अगस्त तक बैंक खाता फ्रीज रहेगा।
युवक ने इसके बाद युवती से बीमारी, एक्सीडेंट समेत अन्य बहाने बनाकर मदद के नाम पर रुपये मांगने शुरू कर दिए। बातचीत के दौरान ही एक दिन युवक ने सैक्स चैट शुरू कर दी और युवती को अश्लील वीडियो भेज दिया। गुस्से में युवती ने उससे बात करना बंद कर दिया। चार-पांच दिन बाद युवती ने खुद उससे बात करना शुरू कर दिया क्योंकि युवती को लगा कि वह पहले ही आरोपित को रुपये मदद के नाम पर दे चुकी है। बातचीत बंद करने से रुपये फंस सकते हैं। युवती ने जब आरोपित से बात शुरू की तो आरोपित ने बताया कि उसकी मां का देहांत हो गया है। अंतिम संस्कार के लिए युवती से करीब 11 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए। इसके बाद खुद की बीमारी, पिता को हार्ट अटैक आने, पिता को एयर एंबुलेंस से पहुंचाने के नाम पर कई बार में 22 लाख 33 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। पीड़िता ने जब भी आरोपित से मिलने का प्रयास किया उसने बहाना बनाकर टाल दिया।
युवती को लगातार रुपये मांगने और मुलाकात नहीं करने पर शक हुआ। इसके बाद दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव वाले पते पर अपने मित्रों के साथ जाकर देखा लेकिन वह पता फर्जी निकला। आरोपित ने खुद बंगलुरू के जिस अस्पताल में भर्ती होना बताया था वह भी इंटरनेट पर देखने पर युवती को नहीं मिला। शक बढ़ने पर आरोपित से उसका पहचान पत्र मांगा। आरोपित ने युवती को इंटेलीजेंस टीम का पहचान पत्र दिया। उसे पीड़िता ने इंटरनेट मीडिया पर चेक किया तो वैसा ही एक फर्जी पहचान पत्र मिला। परेशान होकर पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में आरोपित पर केस दर्ज कराया है।
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