भाजपाई मुख्यमंत्री के तौर पर तीन साल पूरा करने का रिकार्ड बनाने वाले योगी आदित्यनाथ का दावा है कि देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के बारे में अब लोगों की धारणा बदल गई है । कोरोना के प्रकोप के चलते उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अपने तीन साल के जश्न को शायद उस उत्साह से नहीं मना पाई जिसकी तैयारी थी लेकिन हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने के आंकड़ों वाली किताब को हर विधानसभा क्षेत्र तक पहुचाने के लिए पूरा तंत्र जरूर लगा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उनकी सरकार ने चुनौतियों को मौकों में बदला है और इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन एक बड़ा कारक रहा है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने तीन साल की उप्लब्धयों के लिए जो सूत्र वाक्य रखा है, वर्ष तीन , काम बेहतरीन , को लेकर विपक्ष ने हमले बोले हैं। जवाब में अखिलेश यादव और कांग्रेस ने सरकार की नाकामियां गिनाई हैं ।
यूपी करे सवाल ?
क्या किया तीन साल !
कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अगले दिन ही योगी सरकार के तीन सालों की विफलताओं का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए यह नारा दिया है । वैसे यह सच्चाई है कि योगी सरकार के सामने चुनौतियों वाला असली वक़्त अब शुरू होने जा रहा है। हालांकि राज्य के विधानसभा चुनाव में अभी दो साल बाकी हैं लेकिन महासमर के लिए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा से लेकर भीम आर्मी प्रमुख की हाल में बनी आजाद समाज पार्टी ने योगी को कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली से लेकर प्रशासनिक अक्षमता पर घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। यूपी में आने वाले विधानसभा चुनावों को अपने लिए कड़ी परीक्षा जानते हुए योगी ने भी इसके लिए अग्रिम तैयारी भी शुरु कर दी है। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते उनकी योजना जरुर कुछ विलंबित हो सकती है पर इसकी बुनियाद 18 मार्च को तीन साल पूरा होने के मौके पर ही रख दी गई है । योगी आदित्यनाथ तीन सालों में यूपी में हुए बदलाव, अपने कामों, कानून व्यवस्था की बेहतर हालात और ब्रांड यूपी तैयार करने में योगदान जैसे कामों के साथ जनता के बीच अगले विधानसभा चुनावों की तैयारी अभी से शुरु करने जा रहे हैं। पहली बार तीन साल पूरा होने पर सरकार अपने कामों के साथ अलग-अलग विधानसभाओं में हुए कामों का भी ब्यौरा पैश कर रही है। इसके लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों से अलग-अलग आंकड़े जुटा उन्हें किताब की शक्ल दी गयी है। तीन साल का लेखा जोखा प्रस्तुत करती इस किताब का पहला हिस्सा जहां प्रदेश सरकार के कामों का विवरण हैं वहीं दूसरे हिस्से में जिलावार और फिर विधानसभा वार हुए कामों का विवरण रखा जाएगा।
वैसे यह तय है कि आने वाले दो सालों में उत्तर प्रदेश में जहां योगी विकास के साथ हिन्दुत्व का तड़का लगाते हुए नजर आएंगे वहीं विपक्ष कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, महिला अपराधों को रोकने में नाकामी जैसे तमाम मुद्दों के साथ सरकार को असहज करेगा। पुलिस थानों के चरित्र में कोई खास फर्क न होना, तहसील से लेकर सरकारी महकमों में घूसखोरी पर अपेक्षित रोक न हो पाना और किसानों के अनाज की खरीद में पुरानी बीमारियों का काफी हद तक बने रहना भी विपक्ष को दिन ब दिन सरकार के खिलाफ हमलावर बनाएगा
वैसे योगी सरकार तीन सालों में अपनी उपलब्धियों में जिन प्रमुख चीजों को लोगों के सामने पेश किया है उनमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में उत्तर प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 47 लाख नि:शुल्क गैस कनेक्शन का वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना में कमजोर और गरीब लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में 3 करोड़ आवास और नगरीय क्षेत्रों में 30 लाख से अधिक मकान देना, सौभाग्य योजना के तहत 1 करोड़ 24 लाख से ज्यादा घरों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन देना, उजाला योजना के तहत 2.60 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण प्रमुख हैं। कानून व्यवस्था पर लगातार विपक्ष के हमले झेल रही योगी सरकार तीन साल पूरा होने पर इस क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को बताएगी। योगी सरकार की उपलब्धियों की किताब में बेहतर कानून-व्यवस्था के मद्देनजर लखनऊ एवं नोएडा में पुलिस कमीश्नर व्यवस्था लागू करना, उच्च न्यायालय, पंजाब एण्ड हरिणाया द्वारा उत्तर प्रदेश की बेहतर कानून-व्यवस्था का विशेष उल्लेख करना, जीरो टालरेन्स की नीति के चलते संगठित अपराध पर 2016 की तुलना में 2019 में प्रभावी अंकुश लगा पाना शामिल किया गया है।
कानून व्यवस्था के मोर्चे पर योगी सरकार का दावा है कि वर्ष 2016 में जहां डकैती के 263 मामले दर्ज हुए थे। वहीं वर्ष 2019 में 106 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2016 से वर्ष 2019 के सापेक्ष कुल 59.70 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह वर्ष 2016 में जहां लूट के 4418 मामले दर्ज हुए थे। वहीं वर्ष 2019 में 2179 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2016 से वर्ष 2019 के सापेक्ष कुल 47.09 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2016 में जहां हत्या के 4679 मामले दर्ज हुए थे। वहीं वर्ष 2019 में 3663 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2016 से वर्ष 2019 के सापेक्ष कुल 21.71 प्रतिशत की कमी आई है। महिला अपराधों पर आए दिन विपक्ष के हमेल झेलने वाली योगी सरकार का दावा है कि वर्ष 2016 में जहां बलात्कार के 3481 मामले दर्ज हुए थे। वहीं वर्ष 2019 में 2858 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2016 से वर्ष 2019 के सापेक्ष कुल 17.90 प्रतिशत की कमी आई है।
तीन साल की उपलब्धियों में प्रमुखता किसानों को भी दी गयी है। उपलब्धियों के दावे के बीच कहा गया है कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए तकनीकी बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है और सरकार ने पहली कैबिनेट में ही निर्णय लेकर 86 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ कर दिया। साथ ही सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देते हुए अब तक 2 करोड़ 4 लाख किसानों के खाते में कुल 11,718 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। गन्ना बकाया भुगतान पर आए दिन आंदोलनों से रुबरु हो रही योगी सरकार का कहना है कि तीन सालों में सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपये का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया है। मुंडेरवा, पिपराइच और रमाला चीनी मिलों का विस्तार एवं पेराई क्षमता में वृद्धि और 11 चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार दिया गया है। योगी का दावा है कि 25 सालों में पहली बार 105 नई खांडसारी इकाइयों के लाइसेंस स्वीकृत किए गए, जिससे 27850 टीसीडी की अतिरिक्त पेराई क्षमता सृजित की गयी है।
योगी सरकार अपनी तीन साल की प्रमुख उपलब्धियों में भाजपा के सबसे बड़े चुनावी नारे गंगा सफाई को नहीं भूली है। योगी सरकार का दावा है कि कानपुर से 18 करोड़ लीटर गंदा पानी रोज गंगा में गिर रहा था, लेकिन अब 95 परसेंट पानी ट्रीट होकर गंगा में गिर रहा है। एशिया का 128 साल पुराना सीसामऊ नाला अब पूरी तरह से टैप होने से गंगा में जल गुणवत्ता बढ़ी है।
इन दिनो हर रोज आरोग्य मेले आयोजित कर रही योगी सरकार का दावा है कि प्रदेश सरकार ने तीन सालों में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। आयुष्मान योजना में एक करोड़ 18 लाख गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा कवर। 90 लाख 22 हजार 145 गोल्डन कार्ड्स बने हैं। इसके साथ ही 10 लाख 56 हजार छूटे हुए परिवार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के आच्छादित हुए हैं। प्रदेश सरकार ने लखनऊ में अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया है। गोरखपुर और रायबरेली में एम्स की स्थापना विगत तीन सालों में की गई है और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए 13 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति दी है। इसके अलावा एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर और मिर्जापुर में 8 नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
कारोबार के मोर्चे पर खासी सक्रिय रही योगी सरकार ने अपनी उपलब्धियों में इसे खास जगह दी है। सरकार का दावा है कि उसने निवेश फ्रेंडली 21 नई नीतियां बनाई और 2018 में इंवेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश संबंधी एमओयू साइन किए। इसके साथ ही प्रथम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी एवं द्वितीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजनों के माध्यम से लगभग 2 करोड़ रुपये के निवेश की 371 परियोजनाएं क्रियान्वित हुई और लगभग 5 लाख लोगों को रोजगार मिला। साथ ही बुंदेलखंड में डिफेंस इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग कॉरीडोर का शिलान्यास हो चुका है। 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाले इस कॉरीडोर के जरिए 5 लाख लोगों का रोजगार सृजन होगा।
एक्सप्रेस वेज, धार्मिक पर्यटन से लेकर सड़कों के जाल, सौर ऊर्जा जैसी तमाम उपलब्धियों के साथ अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता के बीच विकास का जायजा लेने जमीन पर उतरने वाले हैं। इन सबके बीच प्रदेश में उनके खिलाफ माहौला बनाने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सायकिल रैलियों तो प्रियंका गांधी ने किसान जागरण अभियान की शुरुआत कर दी है।