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Utterkatha: Urban is right now, the condition of impaired villages, farmers are suffering: उत्तरकथा ;  शहरी तो  फिलहाल सही, बिगड़ा गावों का हाल, किसान बेहाल

उत्तर प्रदेश में तीन हफ्तों के लाकडाउन ने फसल कटाई के इस मौसम में गांवों का गणित बिगाड़ दिया। कोरोना खतरे के चलते मुंबई, पंजाब से बड़ी तादाद में कामगार गावों को लौटे हैं। पहली बार फसल कटाई के लिए गावों में मजदूरों का टोटा नहीं है पर बंदी का प्रतिबंध किसानों का खेल बिगाड़ रहा है। देश में सबसे ज्यादा आलू पैदा करने वाले उत्तर प्रदेश में किसान अपना माल बेंचने मंडियों को नहीं जा पा रहे हैं और न ही कोल्डस्टोरों में भंडारण करने जा पा रहे हैं। गेंहूं, सरसो, चने की तैयार फसल की कटाई प्रभावित हो रही है और इसका कोई हल अभी तक सरकार ने नहीं निकाला है। वैसे गांवों में जरुरी डीजों की किल्लत की बात तो सामने नहीं आयी है पर किसानों का जीवन चक्र पहली बार खतरे में पड़ा दिख रहा है। प्रदेश में जगह जगह से किसानों को माल लेकर मंडी आने से रोकने की खबरे मिल रहीं है और स्पष्ट निर्देशों के अभाव में पुलिस भी कुच नही कर पा रही है। लाकडाउन के चलते बड़ी तादाद में मुंबई, पंजाब, दिल्ली और गुजरात से अपने घरों के लिए मजदूर पैदल ही निकल पड़े हैं और कहीं खाने पानी का ठिकाना न मिलने से बेहाल हैं। हालांकि प्रदेश में कुछ जगहों पर पुलिस और कहीं कहीं स्वंयसेवी संगठनों ने जरुर कुछ जिम्मेदारी दिखाते हुए खाने का प्रबंध किया है पर वो भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।

डीजी पद से सेवानिवृत्त एक नॉमचीन आईपीएस अधिकारी  ताजा सूरतेहाल पर कहते हैं कि फिलहाल  पुलिस और मजिस्ट्रेसी का व्यवहार बहुत खराब रहा है । पुलिस विभाग इस बात पर अपनी पीठ थपथपा रहा है कि उन्होने कितनी गाड़ियाँ जब्त कीं और कितने चालान किये । यह सभी चालान कूड़ेदान में फेंक दिये जाने योग्य हैं और अगर गाड़ियों के मालिकों ने नुकसान की भरपाई के दावे दायर किये और न्यायपालिका ने निष्पक्षता से विचारण किया तो बहुत से लोगों को गंभीर कठिनाई होगी।
वे कहते हैं कि यह कर्फ्यू नहीं है केवल लाकडाउन है । आवश्यक सेवायें बंद नहीं की गयी हैं । बैंक खुले हैं और कुछ दुकानें भी खुली रहने की बात कही गयी है । कोई व्यक्ति अपने कार्य से बैंक जा सकता है , दूध या राशन लेने जा सकता है ।
उनके मुताबिक वकर्फ्यू पास जारी करने की पूरी प्रक्रिया गलत और गैर -कानूनी है और  चौधरी बनने की बीमारी मजिस्ट्रेटों के दिमाग से नहीं गयी है । बैंक के 10 कर्मचारी हैं तो 5 को ही पास दिया जा रहा है ।अरे यह ऐसा महायज्ञ है जिसमें हर व्यक्ति को स्वेच्छापूर्वक  सम्मिलित होना है । लोगों के जीवन की रक्षा के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी बचाना है । फसलों की कटाई का समय है । किसान पास बनवाये या फसल उठाये? और पास क्यों बनवाये ? हालांकि इस सबके बीच देश की सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे यूपी में कोरोना संकट के मोर्चे पर सबसे आगे खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर आ रहे हैं। सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह कोरोना संक्रमित गायिका कुनिका कपूर के साथ पार्टी मनाने के बाद से कोरेंटाइन में हैं और कहीं नजर नहीं आए हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री एकाध बार दिखे तो सरकार के तमाम अलंबरदार इस नाजुक मौके पर दिख नहीं रहे हैं पर मुख्यमंत्री  अपनी पूरी शेक्ति और परिश्रम के साथ अपने भरोसेमंद अफसरों की टीम के साथ लगातार बैठकें कर राहत के कदम उठा रहे हैं।

कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को लाकडाउन कर दिया गया है। जिलाधिकारियों से कहा गया है कि जरुरत पड़ने पर अपने जिलों में लोगों का आवागमन रोकने के लिए कर्फ्यू भी लगाएं। कोरोना को लेकर फेक न्यूज पर भी योगी सरकार कारवाई करेगी। कोरोना महामारी के चलते तालाबंदी में जीविका गंवाने वाले 20 लाख से ज्यादा दिहाड़ी मजदूरों को योगी सरकार ने बीते सप्ताह ही  1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी है। मुख्यमंत्री  के आदेश पर विभिन्न सभी पेंशनधारकों को 3 महीने की एडवांस पेंशन मिलेगी। प्रदेश सरकार ने इस 1000 रुपये की सहायता को हील किश्त कहते हुए आगे भी इसे जारी रखने की आशा जगायी है। डोरस्टेप डिलीवरी के लिए भी भगीरथ प्रयास किए जा रहे हैं। हिंदी दैनिक आज समाज समूह ने चंडीगढ़ में दो दिनों से भूखे गरीब रिक्शेवालों और दिहाड़ी मजदूरों को भोजन कराने की व्यवस्था करके यह संदेश दिया कि मीडिया हाउसेस को भी इस दिशा में संजीदा प्रयास करने चाहिए।

उत्तर प्रदेश सरकार लाक डाउन के चलते गरीबों को हो रही खाने की समस्या के चलते कयुनिटी किचन शुरु कर रही है। इस 21 दिनों के लाकडाउन में जनता को रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध कराने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी की जाएगी। आवास विकास परिषद के राजधानी में खाली पड़े लैटों संक्रामक लोगों का ईलाज किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में 21 दिन के लॉकडाउन को लेकर मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिला प्रशासन व बाकी सारे विभाग जुटकर (डोरस्टेप डिलीवरी) घर-घर डिलीवरी का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। सिविल सप्लाइज की व्यवस्था के लिए एपीसी (कृषि उत्पादन आयुक्त) की अध्यक्षता में कमिटी गठित की गई है, जो इसका अनुपालन करेगी। उन्होंने कहा कि दुकानों को खोलने को लेकर कोई समय सीमा नहीं रहेगी। दुकानों को पर्याप्त समय तक के लिए खोला जाएगा। यहीं नहीं 21 दिनों के लिए प्रदेश भर में पान मसाला, गुटखा भी बैन किया गया है।

एपीसी की अध्यक्षता में गठित कमिटी ने सभी मंडल आयुक्त, ष्ठरू, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय मंडियों में खाद्य सामग्री की बल्क सप्लाई की चेन को रोका न जाए। उन्होंने कहा कि जो खाद्य सामग्री विक्रेता, किसान डोरस्टेप डिलीवरी कर रहे हैं उनको न रोका जाए और उनको व्यवस्थित रूप से पंजीकृत करके हर मोहल्ले में डोर स्टेप डिलीवरी आपूर्ति के लिए भेजा जाए। यही नहीं ई-रिक्शा, ठेला, ऑटो, पिक-अप जो भी साधन उपलब्ध हों,  सप्लाई के लिए उनकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एपीसी की अध्यक्षता वाली कमिटी को कयुनिटी किचन को चालू करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न होटल,फास्ट फूड मेकर्स,मिड-डे मील संस्थाओं,धर्मार्थ संस्थाओं, मठ, मंदिर, गुरुद्वारे आदि जहां भी बड़ी मात्रा में सुरक्षित फूड तैयार हो सकता है, वहां फूड पैकेट्स तैयार करके मजदूरों के लिए व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 से 10 हजार प्रधानों को फोन किया गया है और पिछले दो हतों में बाहर से आये लोगों की जानकारी ली गई है। ताकि जो भी संदिग्ध व्यक्ति है उसकी चेकिंग और मॉनिटरिंग कराई जा सके। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अब मुयमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर भी स्वास्थ्य से जुड़ी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।अपील की गयी है कि लोग 15 अप्रैल तक पार्को में मार्निंग वॉक पर न जायें।  मुख्यमंत्री ने बड़े स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग  की है जिसमें दवा विक्रेताओं से लेकर व्यापार संगठन तक मौजूद थे। मुख्यमंत्री  ने कहा है कि जिला स्तर पर भी डीएम मीडिया से बात करते रहें और जानकारी पहुंचाएं।

 कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को  प्रदेश के 20 लाख से अधिक दिहाड़ी मजदूरों को 1000 रुपये की पहली किस्त डीबीटी के जरिए  उनके अकाउंट में भेज दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ सबको सहभागी बनाने की दृष्टि से प्रदेश सरकार ने दैनिक श्रमिकों के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारी सरकार रेहड़ी, ठेला, खोमचा, रिक्शा, ई-रिक्शा चालक और पल्लेदारों को भी 1000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता दे रही है। इसके लिए नगर विकास विभाग को अधिकृत किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अंत्योदय राशन कार्ड धारक, निराश्रित वृद्धा अवस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, निर्माण श्रमिक और प्रतिदिन कमाने वाले श्रमिकों को  नि:शुल्क राशन उपलब्ध करा रहे हैं। इसके तहत 20 किलो गेंहू और 15 किलो चावल की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो लोग भी इससे वंचित रह जाएंगे और किसी भी योजना से आच्छादित नहीं है, उन्हें भी 1000 रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है और सभी जिलों को पर्याप्त धनराशि भेजी जा चुकी है।

कोरोना के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने  ने4 कमेटियों का गठन किया है। पहली कमेटी मुख्यसचिव  के नेतृत्व में गठित की गई है जो सभी विभागों का समन्वय करेगी और सुबह शाम निगरानी करेगी। दूसरी कमेटी कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी)  के नेतृत्व में बनी है, यह कृषि से लेकर आवश्यक वस्तुओं को मॉनिटर करेगी, नवरात्रि से सम्बंधित मामला भी यही कमेटी देखेगी। तीसरी कमेटी औद्योगिक विकास आयुक्त (आईडीसी)  के नेतृत्व में होगी जो मजदूरों का मामला देखेगी। इसी तरह चौथी कमेटी अपर मुख्य सचिव गृह के नेतृत्व में है जो  लॉकडाउन ,कर्फ्यू  की व्यवस्था आदि का समन्वय देखेगी। मुख्यमंत्री  योगी ने निर्देश दिए हैं कि कालाबाज़ारी पर एनएसए लगाया जाय और फेकन्यूज पर भी कार्यवाही हो। सूचना निदेशक  फेकन्यूज पर कार्यवाही करायेंगे।

कोरोना को लेकर बरते जा रहे एहतियातों के बीच पड़ोसी देश नेपाल की सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। नेपाल ने भारत के उत्तर प्रदेश और चीन से सटी सीमाओं को सील कर दिया है। नेपाल ने भारत व चीन से लगती अपनी सभी सीमाओं को 23 से 29 मार्च तक सील किया है। इस दौरान केवल माल वाहक ट्रक को जांच कराने के बाद नेपाल जाने को अनुमति मिलेगी। नेपाल सीमा पर पैदल आने जाने वाले लोगो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बीते एक सप्ताह से प्रदेश की नेपाल सीमा से सटे सात जिलों में आने जाने वाले लोगों की थर्मल चेकिंग कर रही थी। कल भारत में जनता कर्फ्यू के बाद जिन जिलों को लाकडाउन किया गया है उनमें से कई नेपाल की सीमा से सटे हैं। हालांकि नेपाल सीमा सील होने के बाद पहली बार ट्रकों की कतार नहीं देखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में बंदी की हालात को देखते हुए व्यापारी पहले से सीमापार के माल की बुकिंग नहीं ले रहे थे। भारत से नेपाल को आलू, गुड़, अनाज की सबसे ज्यादा सप्लाई होती है।

★ हेमंत तिवारी

admin

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