उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट से निपटने के लिए जंग जारी है। लाकडाउन के बीच लोगों की दिक्कतें दूर करने के लिए योगी सरकार युद्ध स्तर पर घोषणाएं ही नहीं बल्कि उन्हें अमल में लाने की हर कोशिश कर रही है। हालांकि राहत की इन कोशिशों के बीच प्रदेश में बड़े पैमाने पर तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों की मौजूदगी ने परेशानी में इजाफा कर दिया है। दिल्ली के निजामुद्दीन में जमात के बड़े केंद्र मरकज में बड़े पैमाने पर बाहरी लोगों के रुकने और उनके कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आने के बाद योगी सरकार ने सूबे में इनकी सघन तलाश कर रही है। आमतौर पर तब्लीगी जमात में बड़ी तादाद यूपी से जाने वालों की रहती है।
इसी बीच उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते बुधवार को दो लोगों की मौत हो गयी। उत्तर प्रदेश में इस जानलेवा वायरस के मौत की पहली घटना दर्ज की गयी है। कोरोना से संक्रमित पहले व्यक्ति की मौत जहां गोरखपुर में वहीं दूसरे की मेरठ में हुयी है। कुछ और मरीज गम्भीर बताए जा रहे हैं ।
उधर दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज में कोरोना संक्रमित लोगों के पाए जाने के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस का काम और बढ़ गया है । जमात के लोगों की तलाश का काम जारी है। अब तक प्रदेश सरकार ने कई जिलों में तलाशी के बाद करीब छह सौ जमातियों को पकड़ कर जांच व क्वारेंटाइन में भेजा है।
मऊ जिले में सबसे ज्यादा 117 जमातियों को आइसोलेट किया गया है। इनमें से 15 लोग निजामुद्दीन मरकज से लौटे थे। संतकबीरनगर के खलीलाबाद से तब्लीगी जमात के 15 लोगों को जिला प्रशासन ने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया है। गाजीपुर में 11 लोगों जबकि लखीमपुर के धौरहरा कस्बे से 12 लोगों को पकड़ कर भर्ती कराया गया है। लखीमपुर में पकड़े लोगों में से दो निजामुद्दीन मरकज से लौटे थे। बस्ती से मुंडेरवा इलाके से 15 लोगों को पकड़ कर क्वारेंटाइन में भेजा गया है। गाजियाबाद से निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए 49 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। अभी यह तादाद बढ़ेगी ।
प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए बनायी गयी अधिकारियों की टीम इलेवन के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जमात से वापस आए लोगों की युद्ध स्तर पर जांच हो और जिन लोगों ने तथ्यों को छुपाया उनके खिलाफ कानूनी कारवाई की जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कि जमात के जो लोग विदेश के हों उनके पासपोर्ट फिलहाल जब्त कर लिए जाएं।
उधर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का हब बन चुके नोयडा में चार नए मामले मिलने से वहां अब कुल प्रभावितों की संख्या बढ़कर 45 हो गयी है। करीब तीन साल तक यहां जिलाधिकारी रहे बीएन सिंह को मुख्यमंत्री ने लापरवाही को लेकर भरी मीटिंग में फटकारा । डीएम ने प्रतिवाद किया और छुट्टी चाही तो उन्हें हटाते हुए जांच भी बैठा दी गई है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआऱडी मेडिकल कालेज में सोमवार की रात भर्ती बस्ती जिले के युवक की मौत हो गयी। युवक की मौत के एक दिन बाद बुधवार को उसकी जांच रिपोर्ट लखनऊ के चिकित्सा विश्वविद्यालय आयी जिसमे कोरोना पाजिटिव होने की पुष्टि हुयी है। मृतक बीमारी से पहले हैदराबाद और मुंबई में था। मेरठ में भी बुधवार की सुबह कोरोना संक्रमण से पहली मौत का मामला सामने आया है। यहां खुर्जा के रहने वाले वृद्ध की मेडिकल कालेज में ईलाज के दौरान मौत हो गयी। मरने वालो के अमरावती, महाराष्ट्र में रहने वाले दामाद से से परिवार के 17 लोगों में संक्रमण फैला था। दोनो मौतों के बाद इनका ईलाज कर रहे चिकित्सा कर्मियों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है।
जमातियों की तलाश, संक्रमित लोगों के ईलाज के बीच यूपी में खुद मुख्यमंत्री मोर्चे पर आकर राहत की घोषणाएं और उनके अमल की देखरेख कर रहे हैं।
कोरोना संकट के दौरान उत्तर प्रदेश ने गरीबों, मजदूरों व आम लोगों को राशन बांटने का रिकार्ड बना डाला है। उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के चलते सरकारी राशन की दुकानों से बुधवार को अनाज बांटने का बड़ा अभियान चलाया गया। इस दौरान करीब एक लाख टन गेंहूं व चावल बांटा गया है जिसमें आधे से ज्यादा गरीब परिवारों को मुफ्त दिया गया है। एक दिन में इतने अधिक लोगों को खाद्यान्न वितरण का यह अपने आप में रिकार्ड है। इसी महीने की 15 तारीख को एक बार फिर से यह अभियान चलाया जाएगा। यूपी के सभी 75 जिलों की लगभग 80000 दुकानों में एक साथ चले इस अभियान के तहत अकेले एक दिन में 1.67 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न का वितरण किया गया।
प्रदेश सरकार के मुताबिक बुधवार को 33.55 लाख राशन कार्ड धारकों को 94830 टन गेंहूं और चावल बांटा गया। इनमें से 19.99 लाख राशन कार्ड धारकों को मुफ्त अनाज दिया गया जबकि 13.56 लाख को भुगतान करने पर वितरण किया गया। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक कुल खाद्यान्न वितरण का 68.08 फीसदी मुफ्त जबकि 31.97 फीसदी भुगतान के साथ दिया गया। प्रदेश सरकार ने मनरेगा जाब कार्ड धारकों, श्रम विभाग के तहत पंजीकृत मजदूरों, नगर निकायों के पंजीकृत दैनिक वेतनभोगी मजदूरों व अंत्योदय के तहत कार्ड धारकों को मुफ्त अथवा मामूली कीमत पर अनाज बांटा है। कुल राशन कार्ड धारकों में 59.58 फीसदी को मुफ्त अनाज दिया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग का कहना है कि बुधवार के अभियान में ही खाद्यान्न का वितरण एक लाख टन पार हो जाने की उम्मीद है। प्रदेश में करीब 68000 टन राशन गरीबों को मुफ्त दिया जाना है।
शहरी क्षेत्रों पर पंचायत स्तर की राशन की दुकानों पर बुधवार को खाद्यान्न वितरण का अभियान चलाया गया है। इसके बाद 15 अप्रैल को एक बार फिर से यह अभियान चलाया जाएगा। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक सभी राशन की दुकानों पर सही उपभोक्ता की पहचान के प्वाइंट आफ सेल्स (ई-पास) मशीनों का उपयोग किया गया। संक्रमण के खतरे को देखते हुए राशन की दुकानों पर दूरी बनाए रखने व सैनिटाइजरों को उपलब्ध कराया गया था। सभी जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों को बुधवार को सरकारी राशन की दुकानों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। बुधवार के अभियान में छूट गए लोगों को कल फिर से राशन का वितरण किया जाएगा।
इसके साथ ही कोरोना संकट के इस दौर में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मनरेगा मजदूरों का बकाया 611 करोड़ रुपये जारी कर दिया है।
बीते कई महीनों से मनरेगा मजदूरों को उनका पारिश्रमिक नही मिल पा रहा था। इसी सोमवार को मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक साथ प्रदेश में मनरेगा के 27.15 लाख मजदूरों का पैसा उनके खाते में भेज दिया है। इसके साथ ही मुयमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि निजी प्रतिष्ठानों व कारखानों के कार्यालय खुलवा कर उनमे काम कर रहे लोगों का वेतन खातों में भिजवाया जाए।
ग्राम विकास विभाग और भारतीय स्टेट बैंक ने मिलकर एक साथ प्रदेश के 27.15 लाख से अधिक मनरेगा मजदूरों के खातों में 611 करोड़ की राशि भेजी है।
मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार उन्हें प्रतिमाह तीन महीने तक एक किलो दाल व ‘उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत रसोई गैस के सिलेंडर सभी परिवारों को तीन माह तक निःशुल्क उपलब्ध करवाने की भी कार्रवाई कर रही है। प्रदेश सरकार ने भी 80 लाख से अधिक मनरेगा श्रमिकों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की है। मुयमंत्री ने कहा कि ‘जनधन योजना’ में जिन महिला लाभार्थियों के खाते हैं, उन सभी को 500 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त धनराशि मिलेगी। इसके अलावा वृद्धावस्था, निराश्रित महिला व दिव्यांगजन पेंशन में केंद्र सरकार एक हजार रुपये प्रतिमाह उन्हें तीन माह तक उपलब्ध कराएगी।
लाकडाउन को देखते हुए फसलों की कटाई, बोआई में हो रही दिक्कतों को देखते हुए मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश के किसानों को बड़ी राहत दी है। लॉकडाउन के दौरान भी खाद-बीज, कृषि रक्षा रसायनों की थोक और फुटकर दुकानें पहले की तरह खुली रहेंगी। लाकडाउन के चलते दिल्ली, मुंबई व देश के अन्य हिस्सों से पैदल लौट रहे मजदूरों व उनके परिवारों की दिक्कत को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था भी की है।
कीटनाशकों व बीजों की आपूर्ति को लेकर मुयमंत्री के निर्देश पर शासन द्वारा इस संबंध में सभी मंडलायुक्तों, डीएम, एसएसपी और एसपी को निर्देश जारी किये गए हैं। सुचारू रूप से इनकी आपूर्ति जारी रहे इसके लिए इनको बनाने वाली कंपनियों, लोडिंग एवं अनलोडिंग में लगे श्रमिकों और इनके परिवहन में लगे वाहन भी छूट के दायरे में आएंगे। इसी तरह की छूट कटाई में प्रयुक्त कंबाईन हार्वेस्टर और इस दौरान जरूरी श्रमिकों पर भी होगी।
गौरतलब है कि इस साल फरवरी-मार्च के अप्रत्याशित मौसम की मार से यूं ही किसान परेशान हैं। मौजूदा समय में उनकी सरसों, आलू, मटर और चना की फसलें या तो खेत में हैं या खलिहान में। गेहूं की फसल भी तैयार होने को है। ऐसे में किसानों को ये चिंता थी कि लॉकडाउन की स्थिति में अपनी उपज को कैसे घर सुरक्षित पहुंचाएं। चिंता उन किसानों को भी थी जो इस समय खाली हुए या होने वाले खेत में खरीफ के पूर्व कम समय में होने वाली उड़द, मूंग और पशुओं के लिए हरे चारे की बोआई करते हैं। सरकार के इस फैसले से परंपरागत किसानों के साथ सब्जी बोने वाले किसानों को भी राहत मिली है।