(Utter Pardesh) हापुड़। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार त्यागी के निर्देशन में क्षय रोग विभाग ने टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिखेड़ा पर एक स्वेदीकरण बैठक का आयोजन कर लोगो को क्षय रोग के विषय में विस्तृत जानकारी देकर संवेदीकरण किया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया गया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार रहना, खांसी में बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, सीने में दर्द रहना, अचानक वजन कम होना या थकान रहना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से एक भी लक्षण आने पर टीबी की जांच कराना आवश्यक है।
डीटीओ ने बताया – टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह फेफड़ों को प्रभावित करती है। फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है, यह सांस के जरिए फैलती है। इसलिए इसकी जल्दी पहचान और उपचार जरूरी है। उपरोक्त लक्षण आने पर भी टीबी की जांच न कराने से रोगी के परिजन भी टीबी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। दूसरी ओर यदि समय से उपचार शुरू हो जाए तो दो माह में रोगी अपने संपर्क में आने वालों को संक्रमण देने की स्थिति में नहीं रहता है। इसके अलावा किसी परिवार में यदि टीबी रोगी की पहचान होती है तो परिवार के सभी सदस्यों को टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) भी दी जाती है। टीबी संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए यह जरूरी है, संक्रमण की चेन ब्रेक करने से ही टीबी मुक्त ग्राम पंचायत और फिर टीबी मुक्त भारत का संकल्प पूरा होगा। संवेदीकरण बैठक के दौरान जिला क्षय रोग विभाग से एसटी एल एस दुर्वेश कुमार और लैब टैक्नीशियन अमरजीत शर्मा का भी सहयोग रहा।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया कि जनपद की पांच ग्राम पंचायतें 24 मार्च, 2024 को विश्व टीबी दिवस के मौके पर टीबी मुक्त घोषित की गई हैं। इन ग्राम पंचायतों में गढ़ मुक्तेश्वर ब्लॉक से लोधीपुर और कल्याणपुर एवं सिंभावली ब्लॉक से नवादा कलां, अट्टा धनावली और असरा ग्राम पंचायत शामिल हैं। इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए विभागीय स्तर पर स्क्रीनिंग के बाद अन्य ग्राम पंचायतों को भी सिलसिलेवार ढंग से टीबी मुक्त कराने के लिए विभाग की ओर से दावा पेश किया जाएगा। अभियान का सफल बनाने के लिए जन सहयोग जरूरी है, जो लक्षण आने पर तुरंत जांच कराकर किया जा सकता है। टीबी की जांच और उपचार की सुविधा जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है।