Utter Pardesh News :गाजियाबाद में बाजार पर नहीं दिखा बंद का असर

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The effect of the shutdown was not visible on the market in Ghaziabad

(Utter Pardesh News) गाजियाबाद। ‘भारत बंद’ का में बाजार पर कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला। हालांकि जिला मुख्यालय पर बसपा, समाजवादी पार्टी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला, जिससे थोड़ी देर के लिए जाम की स्थिति जरूर बनी हुई थी।  इस बंद का आह्वान आदिवासी संगठनों द्वारा एससी-एसटी के लिए आरक्षण पर नए कानून की मांग और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में किया गया था। हालांकि, जनपद में कुछ वर्गों ने इसका समर्थन किया था। शहर की गतिविधियां सामान्य रूप से जारी रहीं। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है और शहर के विभिन्न हिस्सों में तैनात है। प्रमुख बाजार जैसे तुराबनगर, घंटाघर, गांधीनगर खुले रहे। शहर में यातायात और व्यापारिक गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं, हालांकि जिला मुख्यालय पर बसपा, समाजवादी पार्टी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला, जिससे थोड़ी देर के लिए जाम की स्थिति जरूर बनी हुई थी। बता दें कि समाजवादी पार्टी की ओर से भी भारत बंद को समर्थन दिया गया है, सपाईयों ने भी कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अलर्ट मोड़ पर रही। इस दौरान मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर ज्ञापन भी सौंपा गया। वहीं अखिल भारतीय डा. अंबेडकर अधिवक्ता काउंसिल ने भी प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।

सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण मामले में केंद्र व राज्य सरकारों को निर्देश दिए

वि‌भिन्न राजनैतिक दलों की ओर से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापनों में कह‌ा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण मामले में केंद्र व राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर की व्यवस्था लागू करें। बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी- आजाद समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में इसे असंवैधानिक करार देते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है। सपाईयों के प्रदर्शन में मुख्य रूप से मधु चौधरी, राजदेवी चौधरी, किरण वालिया और महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र यादव, रमेश चंद्र यादव, राजन कश्यप, विशाल वर्मा, फहीम चौधरी प्रवेश बसोया, आदि शामिल रहे। आरक्षण में कोर्ट के अंदर कोटा लागू करने की व्यवस्था के विरोध में वकीलों ने भी प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय डा.अंबेडकर अधिवक्ता काउंसिल के बैनर तले अधिवक्ताओं ने भारत बंद का समर्थन करते हुए पैदल मार्च निकाला और जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। काउंसिल ने अपने ज्ञापन में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में एससी-एसटी को ‌जाति के आधार पर प्रदान किए गए अधिकारों के विपरीत जाकर संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाने वाला निर्णय दिया है। अधिवक्ताओं ने मांग की है कि इस आदेश को निष्प्रभावी किया जाए और एससी- एसटी के आरक्षण को नौवीं सूची में शामिल किया जाए।

 

 

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