Aaj Samaj (आज समाज), Uttarkashi Tunnel Rescue Update, देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित निमार्णाधीन सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूर जल्द बाहर आ सकते हैं। बचाव अभियान का आज 12वां दिन है। सुरंग के अंदर गिरे मलबे के बाद श्रमिक 60 मीटर की दूरी पर खुली जगह में मौजूद हैं। श्रमिकों को बड़े पाइप के जरिये निकाला जाएगा।
- उत्तरकाशी में मौजूद वीके सिंह और सीएम धामी
- बचाव में जुटी हैं 200 से ज्यादा लोगों की टीम
54 मीटर तक पाइप डाले, 6 मीटर बाकी
ताजा अपडेट के अनुसार 54 मीटर तक पाइप डाल दिया गया है और केवल 6 मीटर पाइप डाला जाना बाकी है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द इसके लिए आगर मशीन चलाई जाएगी। यह आखिरी पाइप हो सकता है। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं। वह उस पल के साक्षी बनेगें जब 41 मजदूर टनल से बाहर आएंगे। बता दें कि हादसे के बाद से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉपोर्रेशन लिमिटेड, आईटीबीपी, और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम लगातार 24 घंटे रेस्क्यू आपरेशन में जुटी है।
सुरंग के बाहर हलचल बढ़ी
सभी श्रमिकों के जल्द सुरक्षित बाहर आने की सूचना के बाद सुरंग के बाहर हलचल बढ़ गई है। सुरंग के बाहर एम्बुलेंस, आॅक्सीजन और बेड तैयार रखे गए हैं। इसी से लोगों की मजदूरों के जल्द बाहर लाए जाने की उम्मीदें बढ़ी हैं। एनडीआरएफ के जवान ही उन्हें बाहर निकालेंगे। बाहर निकालने के बाद तुरंत सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा।
टनल के बाहर, हेलीपैड व जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए टीमें तैनात
उत्तरकाशी टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है। वहां अस्थायी अस्पताल तैयार है। श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स भी ले जाया जा सकता है। उनकी संख्या 41 है, इसलिए समीप के हेलीपैड पर 41 एंबुलेंस तैनात कर दी गई हैं। सभी एबुलेंस पर डॉक्टरों की एक टीम मौजूद है। जब मजदूरों को टनल बाहर लाया जाएगा, उस वक्त आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया जाएगा। उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं। सुरंग स्थल के पास एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं।
आईटीए अध्यक्ष ने की बचाव अभियान की तारीफ
इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन (आईटीए) के अध्यक्ष प्रो.आर्नोल्ड डिक्स ने सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू आपरेशन की तारीफ की है। उन्होंने बताया कि सुरंग से जुड़े हादसों में जब वह बचाव के लिए पहुंचते हैं तो ज्यादातर में अंदर फंसे लोगों की मौत हो चुकी होती है, जबकि यहां श्रमिक जिंदा है और उन्हें बाहर निकालने का रात-दिन प्रयास किया जा रहा है। आर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि रेस्क्यू आॅपरेशन में अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए प्रत्येक विकल्प में खतरे को भांप कर काम किया जा रहा है।
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