UCC bill Uttarakhand, (आज समाज), देहरादून: उत्तराखंड सरकार की ओर से आज समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई । इसके मुताबिक अब पेरेंट्स की अनुमति से ही कपल लिव-इन- रिलेशनशिप में रह सकेंगे। पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने देहरादून के राज्य अतिथि गृह एनेक्सी में प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, यूसीसी की पूरी रिपोर्ट को आज सार्वजनिक कर दिया गया है और यह आम लोगों के लिए आज शाम से उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आम जनता अब इस रिपोर्ट को वेबसाइट पर जाकर देख या पढ़ सकती है। सरकार ने रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। बता दें कि राज्य सरकार ने इससे पहले रिपोर्ट के मुख्य अंश ही जारी किए थे।
4 खंडों में बांटी गई है अनुसंधान रिपोर्ट
अनुसंधान रिपोर्ट को 4 खंडों में बांटा गया है और इसके सार्वजनिक करने का उद्देश्य भी यही है कि इसे लागू करने से पहले नए कानूनों के बारे में प्रदेश की जनता अच्छी तरह से समझ ले। इसके खंड तीन में ‘सहवासी संबंध’ के बारे में बताया गया है। पेज 168 से लेकर 171 तक लिव-इन के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।
बिल में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा
यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में है। देश में बढ़ते इस चलन पर सरकार ने गंभीरता से विचार किया है, क्योंकि कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं कि बिना शादी के आपसी सहमति से रहने वाले जोड़ों के बीच आपसी जिम्मेदारी, संपत्ति विवाद, संतान उत्पत्ति व उत्तराधिकार को लेकर विवाद हुए हैं।
कई नियम बनाए, 30 दिन के अंदर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कई नियम बनाए गए हैं। सबसे पहला नियम तो यही है कि अब लिव इन में रहने वालों को 30 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। 18 से 21 आयु वर्ग के जोड़े को लिव इन में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अगर कपल ऐसा नहीं करता है तो उस दशा में और और जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। रजिस्ट्रेशन का उद्देश्य प्रोटेक्शन देना है, किसी की प्राइवेसी भंग नहीं होगी।
माता-पिता को सुचना देगी सरकार
रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लड़का-लड़की के माता-पिता को भी सूचना सरकार की ओर से दी जाएगी। माता-पिता की अनुमति के बाद ही लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा अगर लिव इन में रहने वाले जोड़े की उम्र 21 वर्ष से अधिक है तो उन्हें भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, लेकिन उनके लिए माता-पिता की सहमति की जरूरत नहीं होगी।