हाथरस कांड की पीड़िता की मौत के बाद उस परिवार से मिलने और उसे सात्वना देने केकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी महासचिव प्रियंका गांधी हाथरस जा रहे थे। यूपी प्रशासन ने उन्हेंरास्ते में ही रोक दिया। उनके काफिले को पुलिस ने रास्ते में रोका तो राहुल गांधी पैदल ही हाथरस की ओर चल पड़े। उन्हें रोकने के लिए यूपी पुलिस ने धक्का मुक्की की और इस दौरान राहुल लड़खड़ाकर गिर पड़े। इस घटना की निंदा की जा रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने उत्तर प्रदेश पुलिस की आलोचना की है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘राहुल गांधी के प्रति उत्तर प्रदेश पुलिस का लापरवाह रवैया बहुत निंदनीय है। यह उन लोगों के लिए निंदनीय है जिनकी जिम्मेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखते हुए कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं देना है।
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भी इस घटना की आलोचना की और कहा कि यह घटना दिखाती है कि भाजपा का काम ‘राम का नाम लेते हुए नाथूराम की तरह काम करना’ है। जयंत पाटिल ने कहा कि एक प्रमुख राजनीतिक दल के प्रमुख नेता के साथ इस तरह का व्यवहार पूरी तरह से निंदनीय है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी राहुल के साथ हुए ऐसे व्यवहार को निंदनीय बताया। किसी पार्टी के नेता के पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए हाथरस जाने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। देशमुख ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि यूपी सरकार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता को पीड़ित परिजनों से मिलने की अनुमति नहीं दी। यह बहुत गंभीर मुद्दा है।