A Joint Initiative Of Central And UP Govt, अजय त्रिवेदी, (आज समाज), लखनऊ: हल्दी की खेती के सफल प्रयोग के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में बड़े पैमाने पर मसालों की खेती की जाएगी। राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएसएस) के सहयोग से पूर्वी उत्तर प्रदेश के खेत मसालों की खुश्बू से महकेंगे। अनुसंधान केंद्र ने भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर व आसापास के इलाकों को मसालों की खेती के लिए उपयुक्त पाया है।
इससे पहले कई सालों से कुशीनगर में हल्दी की खेती की जा रही है। जल्दी ही हल्की की खेती करने वाले किसान धनिया जीरा, सौंफ, मंगरैल, सौंफ और अजवाइन की बोआई करना शुरु करेंगे। इस मसले पर केंद्र के साथ ही प्रदेश की योगी सरकार ने भी पहल की है। एनआरसीएसएस अजमेर की मदद से इस साल रबी की फसल के सीजन में सीमित संख्या में कुछ किसानों के खेतों में मसाले की कुछ प्रजातियों की खेती शुरू होगी।
कृषि विज्ञान केंद्र कुशीनगर के प्रभारी अशोक राय के अनुसार कुशीनगर में हल्दी की खेती की परंपरा पुरानी है। कुशीनगर और आसपास की जलवायु बीजीय मसालों के लिए भी अनुकूल है। इसलिए यहां इसकी अच्छी संभावना है। यहां के किसान भी जागरूक हैं। इसलिए अपेक्षाकृत अधिक लाभ वाले मसालों की खेती की संभावना और बेहतर हो जाती है।किसानों के बीच टाटा ट्रस्ट और अजीमजी प्रेमजी फाउंडेशन की मदद से कई वर्षों से हल्दी की खेती पर काम करने वाले सस्टेनेबल ह्यूमन डेवलपमेंट के बीएम त्रिपाठी मसालों की खेती के लिए भी राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र से भी कोऑर्डिनेट कर रहे हैं।
अनुसंधान केंद्र का भी मेथी, सौंफ, जीरा और अजवाइन के फ्लेवर और औषधीय गुणों के कारण इनके प्रसंस्करण पर खासा जोर है। इनको मिलेट के साथ मिलाकर और पौष्टिक बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कुशीनगर के किसानों को भी अगर मसाले की खेती रास आई तो उनके लिए भी ये सारी संभावनाएं उपलब्ध होंगी। अधिकारियों का कहना है कि कोई एफपीओ खेती से लेकर प्रसंस्करण इकाई लगाने और मार्केटिंग की अगुआई कर सकता है।
प्रदेश सरकार के उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भारत को मसालों की धरती भी कहा जाता है। भारत में करीब 18 लाख हेक्टेयर जमीन पर मसालों की खेती होती है। जीरा गुजरात और राजस्थान की मुख्य फसल है तो बाकी तमाम मसाले अधिकांशतः दक्षिण भारत में होते हैं। अभी उत्तर प्रदेश में बहुत मामूली रकबें में ही कुछ जगहों पर मसालों की खेती होती है। प्रदेश में मुख्य रूप से धनिया व बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में हल्दी की खेती होती है।
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