Indian Nationals Deportations, (आज समाज), नई दिल्ली: यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने अमेरिका द्वारा हाल ही में भारत वापस भेजे देश के 100 से ज्यादा नागरिकों के साथ कथित तौर पर किए गए अमानवीय व्यवहार को लेकर चिंता जताई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि यह केवल कानूनी प्रक्रियाओं का पालन है।
5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा था यूस का विमान
अमेरिका में कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे इन भारतीयों को लेकर अमेरिकी वायुसेना का विमान 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर पहुंचा था। इस दौरान सामने आया था कि भारतीयों को लेकर लाते समय उन्हें हथकड़ी और पैरों में जंजीरें पहनाई थीं।
केवल कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रह यूएस अफसर
यूएसआईएसपीएफ प्रमुख ने कहा कि भारतीयों को हथकड़ी या जंजीर नहीं लगाई जानी चाहिए, लेकिन इस बात पर भी उन्होंने जोर दिया कि अमेरिकी अधिकारी किसी के लिए अपवाद बनाए बिना केवल कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं।
आईएमएफ प्रमुख रहे स्ट्रॉस-कान का उदाहरण दिया
मुकेश अघी ने कहा, मैं इस बात से सहानुभूति रखता हूं कि उन्हें चलते समय हथकड़ी या जंजीर नहीं लगाई जानी चाहिए, लेकिन आपको समझना होगा कि एक कानून है और इसका उदाहरण आईएमएफ प्रमुख रहे स्ट्रॉस-कान है। यूएसआईएसपीएफ प्रमुख ने बताया कि स्ट्रॉस-कान राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे थे और न्यूयॉर्क शहर में गिरफ़्तार कर लिया गया था। इसके बाद उन्हें हथकड़ी भी लगाई गई, क्योंकि यही कानून है, इसलिए मुझे लगता है कि अगर कोई कानून है, तो वे (अमेरिकी अधिकारी) उस कानून का पालन कर रहे हैं। वे किसी के साथ कोई अपवाद नहीं कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रयासों का भी उल्लेख किया
मुकेश अघी ने विदेश मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया और उम्मीद जताई कि भविष्य में निर्वासन प्रक्रिया के दौरान कुछ सहानुभूति होगी। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय ने एक अपील की है और उम्मीद है कि इस प्रक्रिया के प्रति कुछ सहानुभूति होगी।
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