
Aaj Samaj (आज समाज), USB Charger Scam, नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी ने एक ओर जहां हमारी जिंदगी काफी आसान कर दी है, वहीं कई मायनों में यह नुकसानदायक भी साबित हो रही है। आज लगभग हर किसी व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन है और इंटरनेट के जरिये भुगतान या अन्य ट्रांजेक्शन आम बात है। लेकिन शातिर साइबर अपराधी भी कहीं पीछे नहीं रहते।
- इन दिनों सुर्खियों में यूएसबी चार्जर स्कैम
भारत समेत दुनियाभर में वे नए-नए तरीकों से स्मार्टफोन और आनलाइन यूजर्स को आजकल अपना निशाना बना रहे हैं। ऐसा ही एक यूएसबी चार्जर स्कैम इन दिनों सुर्खियों में है। यूएसबी चार्जर स्कैम को जूस-जैकिंग भी कहा जाता है और इसके जरिए स्कैमर्स आपका बैंक अकाउंट भी खाली कर सकते हैं। हाल ही के दिनों में इंटरनेट और स्मार्टफोन से जुड़े ऐसे कई तरह के फ्रॉड व स्कैम सामने आ चुके हैं।
जानकारियां चोरी कर धमकाकर भी वसूली की जा सकती है रकम
आमतौर पर हम सभी स्मार्टफोन की बैटरी खत्म होने पर चार्जिंग प्वाइंट ढूंढते हैं या अपने पास चार्जर नहीं होने की स्थिति में पब्लिक प्लेस जैसे एयरपोर्ट्स, कैफे, होटल और बस स्टैंड जैसी जगहों पर फोन चार्जिंग पोर्टल से मोबाइल की बैटरी फुल करते हैं। साइबर अपराधी इन्हीं प्वाइंट के जरिए आपके स्मार्टफोन डेटा से छेड़छाड़ करते हैं या महत्वपूर्ण जानकारियां चोरी कर लेते हैं, जिसके बाद धमकाकर भी आपसे रकम वसूली की जा सकती है।
एयरपोर्ट, कैफे, होटल व बस स्टैंड पर चार्जिंग से करें परहेज
ऐसी धोखाधड़ी की रिपोर्टों के बाद केंद्रीय एजेंसियों की ओर से भी नागरिकों (स्मार्टफोन यूजर्स) को एयरपोर्ट, कैफे, होटल और बस स्टैंड जैसे पब्लिक प्लेस पर यूएसबी चार्जिंग पोर्ट के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई है। साथ ही लोगों से यूएसबी चार्जर घोटाले से सावधान रहने को कहा गया है।
साइबर क्रिमिनल ऐसे चुराते हैं यूजर्स का डेटा
जूस-जैकिंग प्रोसेस साइबर अटैक की एक स्ट्रैटजी है, जिसमें साइबर क्रिमिनल यूजर्स का डेटा चुराने या डिवाइस में मैलवेयर (एक प्रकार के वायरस) इंस्टॉल करने के लिए सार्वजनिक यूएसबी चार्जिंग स्टेशनों का इस्तेमाल करते हैं। जब कोई यूजर खतरे का अंदेशा हुए बिना सोचे-समझे अपनी डिवाइस को चार्जिंग पोर्ट में प्लग करता है, तो साइबर अपराधी डेटा चोरी करने लगते हैं या मैलवेयर इंस्टॉल कर देते हैं। इसके बाद आपकी पर्सनल डिटेल की चोरी, मैलवेयर या रैंसमवेयर का इंस्टॉलेशन और यहां तक कि डिवाइस एन्क्रिप्शन के साथ फिरौती की मांग भी की जा सकती है।
सुरक्षित रहने के लिए अपनाएं ये उपाय
दीवार पर लगे इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को प्राथमिकता दें या अपनी केबल लेकर चलें या पावर बैंक साथ में रखें। अपनी डिवाइस या स्मार्टफोन को सुरक्षित या लॉक करके रखें और किसी अनजान डिवाइस से उसे पेयर न करें। अपना फोन बंद होने पर उसे चार्ज करने को लेकर विचार करें।
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