Mumbai 2008 Terror Attack 2008, (आज समाज), वाशिंगटन: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिकी कोर्ट ने झटका दिया है। अमेरिकी अपीलीय अदालत ने कहा है कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। मुंबई पर 2008 में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था।
9 आतंकी मार गिराए, कसाब जिंदा पकड़ा
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने शहर में कई जगह एक साथ हमले किए थे और 160 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी। लश्कर के 10 आतंकियों ने करीब 60 घंटे तक मुंबई को बंधक बनाकर रखा था। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने 9 आतंकियों को मौके पर ढेर कर दिया था, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था। उसे बाद में फांसी दे दी गई थी। मुंबई हमलों में मरने वाले लोगों में 26 विदेशी नागरिक भी थे।
भारत प्रत्यर्पित किए जाने को दी थी चुनौती
पाकिस्तान मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा ने इन हमलों की साजिश रची थी। उसके द्वारा दायर अपील पर फैसला सुनाते हुए अमेरिकी अपीलीय अदालत ने कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में जिला न्यायालय द्वारा राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करने को सही ठहराया। राणा ने याचिका में मुंबई में आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भागीदारी के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने को चुनौती दी थी। अदालत ने माना कि राणा का कथित अपराध संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आता है।
फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प
तहव्वुर राणा पर हमले करने वाले एक आतंकी संगठन को समर्थन देने का आरोप है। ज्यूरी ने राणा को एक विदेशी आतंकी संगठन को सहायता प्रदान करने और डेनमार्क में आतंकी हमलों को अंजाम देने की नाकाम साजिश रचने का दोषी ठहराया। हालांकि राणा के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प है। भारत में अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए उसके पास अभी भी सभी कानूनी विकल्प खत्म नहीं हुए हैं।