Aaj Samaj (आज समाज), USA California Government, न्यूयॉर्क: अमेरिका में जाति आधारित भेदभाव की शिकायत के बाद हिंदू धर्म को बदनाम करने की साजिश नाकाम हो गई है। दरअसल कैलिफोर्निया नागरिक अधिकार विभाग ने 2020 की एक शिकायत में संशोधन कर कहा है कि जाति और जाति-आधारित भेदभाव हिंदू धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
भारतीय मूल के सहकर्मी पर लगाया था भेदभाव का आरोप
2020 में सिलिकॉन वैली में स्थित शीर्ष तकनीकी कंपनी सिस्को सिस्टम्स में एक भारतीय अमेरिकी इंजीनियर ने आरोप लगाए थे कि उसके भारतीय मूल के सहकर्मी उसके साथ जाति के आधार पर भेदभाव करते हैं क्योंकि वह दलित समुदाय से ताल्लुक रखता है और उसकी टीम के अन्य कर्मी उच्च जाति से हैं। मामले में कंपनी के खिलाफ मुकदमा हुआ था। इस मामले में अमेरिका और भारत में खूब सुर्खियां बटोरी थी।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन का बयान
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि विभाग ने स्वेच्छा से सिस्को सिस्टम्स के खिलाफ अपनी शिकायत में संशोधन करने के लिए दिसंबर के पहले सप्ताह में एक प्रस्ताव दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सिलिकॉन वैली टेक दिग्गजों के बीच जातिगत भेदभाव हुआ था। शिकायत में संशोधन करते हुए उस गलत और असंवैधानिक दावे को हटा दिया गया है कि जाति और जाति भेदभाव हिंदू धार्मिक शिक्षाओं और प्रथाओं का एक अनिवार्य हिस्सा है।
यूएस में जातीय भेदभाव पर नहीं कोई कानून
अमेरिका में जातीय भेदभाव को लेकर कोई कानून नहीं है, ऐसे में कैलिफोर्निया की सरकार ने नागरिक अधिकार अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। अमेरिका में दलितों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले कुछ संगठन भी इस मुकदमे से जुड़ गए थे।
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