Mumbai-2008 Attack, (आज समाज), वाशिंगटन: मुंबई के 26/11 हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तानी मूल के इस कनाडाई नागरिक के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। राणा पर 2008 में मुंबई में कई जगहों पर हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद करने का आरोप है।
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प्रत्यर्पण को चुनौती देने के कुछ सप्ताह बाद अपील खारिज
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण को चुनौती देने के कुछ सप्ताह बाद, तहव्वुर राणा की अपील खारिज कर दी गई है। इसके बाद उसके भारत प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राणा ने पहले निचली और संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई हारने के बाद सैन फ्रांसिस्को में नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
तहव्वुर राणा के वकील ने दलील
तहव्वुर राणा के वकील ने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट को अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि में अपराध की व्याख्या के आधार पर उसके प्रत्यर्पण को रोकना चाहिए। वकील ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को रिट मंजूर करनी चाहिए। गुण-दोष के आधार पर, उसे यह मानना चाहिए कि संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि (और कई अन्य समान संधियों) के दोहरे खतरे वाले प्रावधान में अपराध शब्द दोनों देशों में आरोपों के अंतर्निहित आचरण को संदर्भित करता है, न कि संबंधित देशों द्वारा लगाए गए अपराधों के तत्वों को।
यूएस ने किया था भारत के अनुरोध का समर्थन
अमेरिकी सरकार ने पिछले साल उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत के अनुरोध का समर्थन किया था और सुप्रीम कोर्ट से राणा द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्र के लिए याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया था।
हमलों में मारे गए थे 6 अमेरिकियों सहित 166 लोग
2008 में 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल समेत कई जगह हमले किए थे। इन हमलों में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे और मुंबई में कई स्थानों पर 60 घंटे की घेराबंदी हुई थी। इन हमलों का मुख्य साजिशकर्ता पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली है और राणा उससे जुड़ा हुआ है।
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