US On Arunachal Pradesh: अरुणाचल को भारत के हिस्से के रूप में मान्यता देने के प्रस्ताव पर अमेरिका की मुहर

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US On Arunachal Pradesh
व्हाइट हाउस की सचिव जीन पियरे

Aaj Samaj (आज समाज), US On Arunachal Pradesh, वाशिंगटन: अरुणाचल को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने के प्रस्ताव पर अमेरिकी संसद की सीनेट कमेटी ने मुहर लगा दी है। सीनेट कमेटी ने इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के एक महीने के अंदर ही संसदीय कमेटी ने इस प्रस्ताव पास कर दिया है।

  • प्रस्ताव पूर्ण मतदान के लिए सीनेट में जाएगा

चीन बताता है अपना हिस्सा

बता दें कि चीन लगातार भारत की सीमाओं पर घुसपैठ कर रहा है। हाल ही में, भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर चीन ने कब्जा कर लिया है। उसका कहना है कि ये क्षेत्र उसके देश के अंतर्गत आते हैं। अब अमेरिका के अरुणाचल को भारत का हिस्सा मानने पर साफ है कि यूएस भारत के पक्ष में है।

चार सीनटरों ने पेश किया प्रस्ताव

सीनेटर जेफ मर्कले, बिल हेगर्टी, टिम काइन और क्रिस वान होलेन ने गुरुवार को प्रस्ताव पेश किया था। इसमें कहा गया है कि अमेरिका मैकमोहन रेखा को चीन और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता देता है। प्रस्ताव पूर्ण मतदान के लिए सीनेट में जाएगा।

प्रस्ताव साफ कर देता है कि अमेरिका अरुणाचल को भारत का अभिन्न अंग मानता है

संसद के कार्यकारी आयोग के सह-अध्यक्ष सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया में स्वतंत्रता और कानून आधारित पद्धति का समर्थन करता है। यह प्रस्ताव साफ कर देता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता है, ना कि पीपल्स रिपब्लिक आफ चाइना का। हेगर्टी ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहा है, अमेरिका के लिए इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेषकर भारत और अन्य क्वाड देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना महत्वपूर्ण है।

यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रही चीन सेना

बता दें कि चीन की सेना सीमा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रही है, इसके लिए चीन की सेना सीमा पर गांवों को बसा रही है। साथ ही चीनी भाषा में लिखा नया नक्शा जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया गया है। विधेयक में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, तकनीक, आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने की बात कही गई है।

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