- कई उद्देश्यों को पूरा करता है वाणिज्य दूतावास : जयशंकर
Bengluru News, (आज समाज), बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की मौजूदगी में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास का शुभारंभ किया गया है। इस अवसर पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे और उन्होंने बेंगलुरु में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की शुरुआत को भारत-अमेरिका संबंधों में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया और घोषणा की कि भारत भी जल्द लॉस एंजिलिस में अपना वाणिज्य दूतावास खोलेगा।।वहीं एरिक गार्सेटी ने उद्घाटन को अमेरिका-भारत संबंधों के लिए एक नई शुरुआत बताया।
वीजा सेवा के लिए जल्द से जल्द करेंगे प्रयास
गार्सेटी ने समारोह में कहा, आज का दिन बेंगलुरु व कर्नाटक के साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के लिए के लिए भी एक महान दिन है। बेंगलुरु सिटी भारत-अमेरिका संबंधों की ‘हवा’ भरता है। उन्होंने कहा, बेंगलुरु में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, इतिहास की एक दुर्घटना थी जिसे हमने आज सही किया है। यह एक नई शुरुआत है। गार्सेटी ने कहा, पहले वर्ष में वीजा नहीं मिलेगा, लेकिन हम जल्द से जल्द इसके लिए प्रयास करेंगे। इसके अलावा, चाहे वह स्वास्थ्य हो, एयरोस्पेस हो, महिला सशक्तिकरण हो, नौकरी हो, वित्त हो, हम यहां बेंगलुरु में अमेरिका-भारत का भविष्य देखते हैं और आज हमारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यह प्रतिबद्धता उस वादे को पूरा करती है।
भारतीय श्रमिकों से हमेशा अमेरिका को लाभ मिला
अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिका को हमेशा भारतीय श्रमिकों व आगंतुकों से लाभ मिला है और जितना अधिक अमेरिका इस पर काम करेगा, उतना ही बेहतर होगा। हमारे पास भारतीय अमेरिकी हैं जो अब राज्यों, विश्वविद्यालयों और भारतीय अमेरिकियों को चला रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण, भारतीय अमेरिकी नौकरियों के लिए दौड़ रहे हैं। इसके लिए हमें अमेरिकी नहीं मिल सके। बायोकॉन की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण विकास था क्योंकि भारत-अमेरिका संबंध भविष्य का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं।
लंबे समय से प्रतीक्षित था दूतावास का उद्घाटन : जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत-अमेरिका संबंधों के भी कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने दोनों देशों के बीच शिक्षा अनुसंधान क्षेत्र के महत्व पर भी प्रकाश डाला। विदेश मंत्री ने कहा, वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन लंबे समय से प्रतीक्षित था। यह कई उद्देश्यों को पूरा करता है। इसका एक बड़ा हिस्सा यात्रा को सुविधाजनक बनाना है। जयशंकर ने कहा, वाणिज्य दूतावास का औपचारिक उद्घाटन एक और संकेत है कि हम इतिहास की झिझक को दूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे इस क्षेत्र में सहयोगी परिसर, छात्रों का आदान-प्रदान और एक मजबूत अमेरिकी शिक्षा उपस्थिति दिखने की उम्मीद है।
और वाणिज्य दूतावास खोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे
जयशंकर ने बताया कि हम बेंगलुरु में और अधिक वाणिज्य दूतावास खोलने के लिए देशों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह दुनिया के साथ हमारे गहरे जुड़ाव का हिस्सा है। मुझे उम्मीद है कि ऐसे और भी अवसर आएंगे जब और अधिक देश बेंगलुरु में और अपने वाणिज्य दूतावास खोलेंगे। ये देश के साथ ही कर्नाटक और बेंगलुरु के हितों को बेहतर ढंग से पूरा करेगा।
रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा तकनीक पर आधारित
विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों पर बोलते हुए कहा कि आज जब हम एआई, ईवी, अंतरिक्ष और ड्रोन के युग में अपने सामने मौजूद सभी संभावनाओं को देखते हैं, तो हमारे रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा तकनीक पर आधारित होंगे। इसमें अंतरिक्ष का बहुत बड़ा घटक होगा क्योंकि अंतरिक्ष क्षेत्र अभी खुलने लगा है। रक्षा को एक अहम क्षेत्र बताते हुए जयशंकर ने कहा कि दो दशक पहले हमारे भंडार में लगभग कोई अमेरिकी हथियार नहीं थे। दोनों देशों के बीच बहुत कम रक्षा सहयोग था, लेकिन आज हम सी17, सी130, चिनूक और अपाचे उड़ाते हैं।
बेंगलुरु के टैलेंट पूल की पूरी दुनिया में मांग : बायोकॉन
बायोकॉन की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण विकास था क्योंकि भारत-अमेरिका संबंध भविष्य का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है यह बहुत पहले से होना चाहिए था। मुझे खुशी है कि यह आखिरकार हुआ। हम उद्योग जगत से बेहद गर्व और खुशी महसूस करते हैं कि इस वाणिज्य दूतावास की स्थापना करके बेंगलुरु के महत्व को मान्यता दी गई है। मजूमदार ने कहा कि बेंगलुरु के टैलेंट पूल की पूरी दुनिया में मांग है। इसलिए वाणिज्य दूतावास बहुत महत्वपूर्ण है, उन्होंने कहा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बेंगलुरु में एक बेहतरीन टैलेंट पूल है, जिसकी अमेरिका सहित पूरी दुनिया में मांग है।