आज समाज डिजिटल, शिमला:
शहरी विकास, नगर एवं नियोजन मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नगर एवं नियोजन विभाग द्वारा आयोजित अमृत सिटी शिमला के लिए जीआईएस आधारित विकास योजना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भविष्य में शहरीकरण की संभावना और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक समग्र कार्य योजना को तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर के विकास कार्यों की योजना बनाते समय शहर की भौगोलिक परिस्थितियों के साथ-साथ लोगोें की अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। शहर कि भौगोलिक स्थिति को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए शहर का सतत् विकास सुनिश्चित किया जाना चाहिए। शहर में बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिगत शिमला शहर के साथ लगते आस-पास के क्षेत्रों में भी शहरीकरण के अलावा सेटेलाइट टाउन की संभावनाओं को तलाश कर भविष्योन्मुखी योजना तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सेटेलाइट टाउनों में बुनियादी सुविधाआेंं जैसे आधुनिक शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस योजना के अन्तर्गत शिमला शहर में बाईपास सड़कों का निर्माण कर शहर की सड़क व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला शहर को विश्व स्तरीय तकनीक के माध्यम से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिमला को विश्व में एक पंसदीदा गंतव्य स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रयासरत है। कुफरी और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों को इको-टूरिजम की दृष्टि से विकसित किया जाएगा और शहर में रोप-वे जैसी सम्पर्क सुविधाओं की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा।
बैठक में प्रधान सचिव नगर एवं नियोजन रजनीश, नगर निगम शिमला के आयुक्त आशीष कोहली, निदेशक नगर एवं नियोजन कमल कान्त सरोच सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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