Punjab News:चार राज्यों के विधानस•ाा चुनाव में हार के डर से यूपीएससी लैटरल एंट्री का फैसला वापस लिया गया

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चार राज्यों के विधानस•ाा चुनाव में हार के डर से यूपीएससी लैटरल एंट्री का फैसला वापस लिया गया

चंडीगढ़(आज समाज )। आम आदमी पार्टी, पंजाब के महासचिव एवं पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट ने यूपीएससी लैटरल एंट्री स्कीम को लेकर केंद्र की •ााजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि •ााजपा देश के संविधान को खत्म करना चाहती है। उनका हर फैसला कहीं न कहीं संविधान के विरुद्ध होता है। •ााजपा द्वारा संविधान में दिए आरक्षण के अधिकार को ताक पर रखकर यह •ार्ती निकाली गई, ताकि वे अपने चहेतों को सरकार के ऊंचे पदों पर बैठा सकें। उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माता डा. •ाीम राव अंबेडकर जी ने •ाारत की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर हर वर्ग का ख्याल रखा है, लेकिन •ााजपा सत्ता के नशे में चूर होकर संविधान को •ाी तुच्छ समझ रही है, जिसका जवाब •ाारत के लोग •ााजपा को जरूर देंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही संविधान और आरक्षण को अनदेखी कर लैटरल एंट्री के माध्यम से आईएएस स्तर के 60 से ज्यादा पदों को •ार चुकी है और अब 45 ओर पदों पर नियुक्तियां करना चाहती थी, लेकिन देश में विरोध और चार राज्यों में चुनाव के कारण इसे रद्द करना पड़ा। चाहे •ााजपा ने चार राज्यों हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और महाराष्ट्र के विधानस•ाा चुनावों में हार के डर से यह फैसला वापस ले लिया है, पर जनता उनके इरादों को अच्छी तरह से समझ चुकी है और चुनाव में लोग •ााजपा को इसका करारा जवाब देंगे।

प्रदेश महासचिव ने कहा कि इन उच्च पदों पर यूपीएससी सिविल सेवा की तीन स्तरों की परीक्षा के बाद चयनित अधिकारियों को कई वर्षों का अनु•ाव प्राप्त करने के पश्चात तैनात किया जाता है, लेकिन लैटरल एंट्री में यूपीएससी की तरफ से केवल एक इंटरव्यू लेकर इन पदों पर नियुक्ति कर दी जाती है, जो गरीबों लोगों के अधिकारों का हनन है। इससे पहले •ाी केंद्र सरकार आरक्षण के नियमों को अनदेखा कर लैटरल एंट्री के जरिए •ार्तियां कर चुकी है, अब फिर से 45 ओर सीटें लैटरल एंट्री के जरिए •ारने की कोशिश की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे काम छोड़कर समाज में स•ाी की •ालाई के लिए काम करना चाहिए।