लखनऊ। कांग्रेस ने आज अपने स्थापना दिवस पर पूरे देश में संविधान बचाओ भारत बचाओं के नारे के साथ फ्लैग मार्च किया। वहीं यूपी का मोर्चा प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाला था। प्रियंका गांधी वाड्रा ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूपी में हुई हिंसा के आरोपी एसआर दारापुर के परिवार से मिलने पहुंची थीं। इस दौरान यूपी पुलिस की महिला आॅफिसर ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। उनके काफिला को रोक दिया गया तो प्रियका अपने एक कार्यकर्ता की स्कूटी पर सवार होकर आगे जाने लगीं। जिसके बाद भी पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोका। इसके बाद प्रियंका गांधी पैदल चल पड़ी थीं। प्रियंका गाधी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गला दबाकर मुझे रोकने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मुझे रोका गया और धक्का भी दिया गया जिसकी वजह से मैं गिर पड़ी। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मुझे सड़क पर रोकने का कोई मतलब ही नहीं बनता। प्रियंका ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मेरी सुरक्षा का नहीं बल्कि योगी की पुलिस का मुद्दा है। कांग्रेस कार्यकर्ता के अनुसार पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं और करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी में बैठीं। कांग्रेस नेता ने बताया कि आगे मुंशी पुलिया इलाके में पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह दोबारा पैदल चलने लगीं और इंदिरा नगर के सेक्टर 18 में अचानक एक गली में मुड़ गयीं। पार्टी नेताओं के बीच अफरा—तफरी का माहौल पैदा हो गया और कुछ देर तक तो पता ही नहीं चला कि प्रियंका कहां गयीं। बाद में मालूम हुआ कि वह दारापुरी के घर पहुंच गयीं हैं और इसके लिए उन्होंने करीब तीन किलोमीटर पैदल सफर किया। दारापुरी के परिजनों से मुलाकात के बाद निकली प्रियंका ने मीडिया से कहा कि ”मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून—व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें। मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली। इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।” उनसे मीडिया ने सवाल किया कि क्या सरकार को उनकी वजह से राजनीतिक खतरा महसूस हो रहा है? तो उन्होंने जवाब दिया कि ”सबकी राजनीति को खतरा है।”