UP News | अजय त्रिवेदी | लखनऊ | उत्तर प्रदेश में पर्यटन विभाग के घाटे में चल रहे या बंद पड़े पर्यटक आवास गृहों को 30 साल की लीज पर निजी हाथों में दिया जाएगा। डाटा सेंटर नीति में संशोधन करते हुए अब निवेशक को दोहरो ग्रिड को बिजली नेटवर्क का लाभ दिया जाएग।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य पर्यटन विभाग के गेस्ट हाउसों को निजी संस्थाओं को लीज पर दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। उक्त गेस्ट हाउस निजी हाथों में 15 साल की लीज पर दिए जाएंगे जिसे आगे 15 सालों के लिए बढ़ाया जा सकेगा। दोबारा 15 साल के लिए लीज अवधि बढ़ाने की दशा में लीज रेंट में 15 फीसदी की वृद्धि की जाएगी। घाटे में चलने वाले या बंद पड़े गेस्ट हाउस ही निजी हाथों को सौंपे जाएंगे।
मंत्रिपरिषद ने डाटा सेंटर नीति में संशोधन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब डाटा सेंटर के निवेशकों को दोहरे ग्रिड के जरिए बिजली का नेटवर्क दिया जाएगा। डाटा सेंटर में दो ग्रिड लाइनों के जरिए बिजली की आपूर्ति की जाएगी। मूल नीति के मुताबिक पहले तीन डाटा सेंटर पार्कों को ही दोहरे ग्रिड नेटवर्क का लाभ दिया जाना था। अब राज्य में स्थापित होने वाले पहले 8 डाटा सेंटर पार्कों को यह सुविधा दी जाएगी। इसमें पहले ग्रिड नेटवर्क पर आने वाले लागत का भार आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग उठाएगा।
जलशक्ति विभाग के जलजीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रो में पाइप पेयजल आपूर्ति योजना संचालन हेतु अनुरक्षण नीति 2024 को भी मंजूरी दी गयी है। जिन गांवों में पाइप से पेयजल आपूर्ति का काम पूरा हो चुका है,उसके रख रखाव के लिए अनुरक्षण नीति लाई जा रही है।
नीति के तहत अब अनुरक्षण के लिए 15 फीसदी धनराशि की सीमा समाप्त कर दी गयी है और इस पर होने वाले व्यय को राज्य सरकार अथवा वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि से वहन किया जाएगा।प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद के फैसले के मुताबिक गंगा एक्प्रेसवे परियोजना हेतु वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) की पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में सबसे लंबा मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे निर्माणाधीन है जिसके अगले साल होने वाले महाकुंभ से पहले पूरा हो जाने की संभावना है। एक अन्य फैसले में मंत्रिपरिषद ने पारिवारिक संबंधियों के बीच संपत्तियों के लिए होने वाले बंटवारा पत्र, सेटलमेंट डीड आदि पर स्टांप शुल्क घठाकर 5000 रूपये कर दिया है।
मंत्रिपरिषद ने भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 की धारा-10(2) एवं थारा-10 (4) के तहत भूमि के अधिग्रहण हेतु अधिसूचित अधिकतम सीमा 5 फीसदी को केवल गौतमबुद्धनगर जिले के लिए शिथिल कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने प्रदेश की विभिन्न हवाई पट्टियों पर तैनात कर्मचारियों का उपयोग निदेशालय व नवनिर्मित हवाई पट्टियों पर किए जाने का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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