- देश व विदेश में टाटा के निधन पर शोक की लहर
- पारसी थे रतन, हिंदू-रीति रिवाज से किया संस्कार
- केंद्र की तरफ से अमित शाह अंतेष्टि में शामिल हुए
Ratan Tata Death News, (आज समाज), वाराणसी: देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल वाराणसी में गंगा आरती के दौरान श्रद्धांजलि दी गई और इस मौके पर बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओंं ने इस दौरान टाटा की याद में दीये जलाकर उनकी असाधारण जीवन, विरासत व देश के औद्यागिक क्षेत्र में दिए गए योगदान को याद किया। उन्होंने टाटा की परोपकारी सोच को खूब सराहा। देश-विदेश में रतन टाटा के निधन पर शोक की लहर है।
बुधवार रात 86 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
गौरतलब है कि बुधवार देर रात को रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था।
देर रात लगभग 2 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से घर लाया गया। इसके बाद गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रतन की पार्थिव देह को नरीमन प्वाइंट स्थित मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। शाम को राजकीय सम्मान के साथ वर्ली श्मशान घाट में रतन टाटा का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि रतन टाटा पारसी समुदाय से ताल्लुक रखते थे और पारसियों में शव को गिद्धों को खिलाने की परंपरा है।
उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थे टाटा
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थे ओर उन्हें अस्पताल के आईसीयू में रखा गया था। तन टाटा को 2008 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। वहीं 2000 में उन्हें पद्म भूषण दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत सरकार की तरफ से अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल, जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी और कुमार मंगलम बिड़ला सहित राजनीति, खेल और बिजनेस जगह से जुड़ी कई हस्तियों ने टाटा को श्रद्धांजलि दी।
एक युग का अंत हो गया : अमिताभ बच्चन
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने लिखा कि एक युग का अंत हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने टाटा के निधन पर गहरा शोक जताया है। पीएम मोदी ने कहा, रतन टाटा एक असाधारण इंसान थे। वह स्वच्छता, पशु कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समर्थन करने में हमेशा सबसे आगे रहते थे। टाटा ने देश के सबसे पुराने व प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। असाधारण इंसान होने के साथ ही टाटा दयालु नेचर के और एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर थे।