Uttar Pradesh, अजय त्रिवेदी,(आज समाज), लखनऊ: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और पश्चिमी जिलों की तर्ज पर ही पूर्वांचल और बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास की बयार बहेगी। इतना ही नही, एनसीआर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के जिलों को मिलाकर बन रहे राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) में भी बड़े पैमांने पर उद्योग लग रहे हैं।
एयरपोर्ट के बाद तेज होगा क्षेत्र का विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के मुताबिक एनसीआर में नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास में नए प्रतिमान रच रहे हैं और अब तो इसमें यमुना विकास प्राधिकरण भी शामिल है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने के बाद इस के क्षेत्र का विकास तेज होगा। आने वाले कुछ वर्षों में जेवर के आस पास का इलाका देश-दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्यों में शुमार हो जाय।
बुंदेलखंड और पूर्वांचल भी उसी नक्शेकदम पर
योगी ने कहा, बुंदेलखंड और पूर्वांचल भी कनेक्टिविटी बेहतर होने से उसी नक्शेकदम पर हैं। बुंदेलखंड जहां सौर ऊर्जा का हब बन रहा है वहीं डिफेंस कॉरिडोर यहां के औद्योगिक माहौल को और बेहतर कर रहा है। सरकार की योजना कानपुर और झांसी के बीच 36 हजार एकड़ में झांसी के 33 गांवों को मिलाकर नोएडा से भी बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, बीडा (बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण) बनाने की है। इस पर काम भी शुरू हो गया है।
पांच जिलों को मिलाकर बनेगा एससीआर
लखनऊ के पास के पांच जिलों को मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) का गठन हो चुका है। लखनऊ और हरदोई की सीमा पर 1162 एकड़ में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना और लखनऊ अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया के 40 एकड़ क्षेत्र में आईटी पार्क, एसटीपी पार्क, इनक्यूबेशन सेंटर, स्टेट डेटा सेंटर के निर्माण से प्रदेश की राजधानी भी इंडस्ट्री का एक हब बनेगी।
चित्रकूट से लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ रही है। हाल ही में अपने दो दिवसीय चित्रकूट दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने इसके लिए 1300 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दे दी है। इसी तरह मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में करीब दो दशकों से बंद खाद कारखाना फिर से पहले से अधिक उत्पादन क्षमता के साथ चालू हो चुका है।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित कर रही सरकार
कारखाना दोबारा शुरू होने से उत्साहित होकर सरकार गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर करीब 800 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित कर रही है। गोरखपुर के दक्षिणांचल में धुरियापार के आसपास उसर जमीन का एक बड़ा पैच है जहां खेतीबाड़ी बहुत मुश्किल है। इस इलाके में करीब 5500 एकड़ में एक नया औद्योगिक नगर बन रहा है। ऐसा होने पर गोरखपुर पटना और काठमांडू के बीच निवेश का सबसे बड़ा हब बनकर उभरेगा।
पूर्वांचल के विकास के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना लागू
गौरतलब है कि योगी सरकार ने अपेक्षाकृत पिछड़े बुंदेलखंड और पूर्वांचल के औद्योगिक विकास के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना लागू की है। सरकार प्रदेश के एक्सप्रेसवे के किनारे करीब 5500 एकड़ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास करने जा रही है। बुंदेलखंड और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के नाते इसका भी लाभ बुंदेलखंड और पूर्वांचल को ही सर्वाधिक मिलेगा।