नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया। मंगलवार को मॉब लिंचिंग तथा बलात्कार के अपराध के पीड़ितों को अंतरिम राहत मुहैया कराए जाने का निर्णय किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने बलात्कार और मॉब लिंचिंग के ऐसे मामले जिनमें जांच लंबित है, उनके पीड़ितों को अंतरिम राहत उपलब्ध कराने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सम्बन्धित श्रेणी में दी जाने वाली राहत की राशि के अधिकतम 25% हिस्से को अंतरिम क्षतिपूर्ति के तौर पर दिया जाएगा। सिंह ने बताया कि अभी तक बलात्कार और मॉब लिंचिंग के मामलों में फौरी मदद के बजाय जांच के बाद ही पीड़ितों को मदद दी जाती थी। मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को कितनी मदद दी जाएगी, इस सवाल पर सिंह ने कहा कि ऐसी हिंसा के कई प्रकार हैं और मामले की किस्म के आधार पर मुआवजा तय किया जाएगा। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने एक आदेश में राज्य सरकारों से मॉब लिंचिंग के मामलों में विभिन्न परिस्थितियों में घटना के 30 दिनों के अंदर पीड़ित या उसके परिजन को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया था।