Unseasonal Rain Effect: बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं पहले ही किसानों के लिए आफत बन रही हैं और अब भी ऐसे मौसम से राहत के आसार नहीं हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार एक और पश्चिमी विक्षोभ दस्तक देगा और इसके असर से उत्तर पश्चिम भारत में इस सप्ताह भी खराब मौसम बने रहने का अनुमान है। कुछ राज्य सरकारों ने किसानों को राहत देने के लिए कदम उठाए हैं। वहीं मौसम विभाग के अनुसार अगले सप्ताह से उत्तर भारत सहित देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी के आसार हैं।
- अगले सप्ताह से कई राज्यों में भीषण गर्मी के आसार
- उत्तर प्रदेश के 9 जिलों के किसान झेल रहे मार
- केंद्र राज्यों के साथ आज करेगा समीक्षा बैठक
- पंजाब-हरियाणा में गेहूं की गिरदावरी जारी
केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा ने बताया कि पिछले सप्ताह हुई बेमौसम बारिश से गेहूं और अन्य रबी फसलों को हुए नुकसान की केन्द्र सरकार सोमवार को राज्य सरकारों के साथ समीक्षा करेगी। अधिकारियों के अनुसार पिछले सप्ताहांत हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के चलते मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 5.23 लाख हेक्टेयर से अधिक गेहूं की फसल को प्रभावित हुई है।
पंजाब के एक उत्पादक की जुबानी
पिछले दो हफ्तों से, प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य पंजाब, हरियाणा, यूपी और एमपी में पश्चिमी विक्षोभ के कारण आंधी, ओलावृष्टि और तेज हवा के साथ बेमौसम बारिश हुई है। पंजाब के एक उत्पादक ने बताया, 20 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज इस बार घटकर 10-11 क्विंटल प्रति एकड़ रह जाएगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि तेज हवाओं से बदरपुर में कई जगह उनकी फसल पूरी तरह चौपट हो चुकी है।
जानिए क्या कहते हैं मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अधिकारी
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, राज्य में गेहूं की खेती का कुल क्षेत्रफल 95 लाख हेक्टेयर है, जिसमें लगभग एक लाख हेक्टेयर बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हो गई है। राजस्थान में भी 29.65 लाख हेक्टेयर के कुल बोए गए क्षेत्र में से लगभग 3.88 लाख हेक्टेयर गेहूं की फसल बेमौसम बारिश के कारण प्रभावित हुई है। उत्तर प्रदेश के नौ जिले ज्यादा प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के राहत आयुक्त के कार्यालय के मुताबिक राज्य में 35,000 हेक्टेयर से अधिक अनुमानित 1.25 लाख गेहूं किसान बारिश से प्रभावित हुए हैं।
पंजाब सरकार ने 25% बढ़ाया है मुआवजा, हरियाणा में मई तक मिलेगा मुआवजा
अधिकारियों ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में इस साल गेहूं का बोया गया रकबा करीब 34 लाख हेक्टेयर है। सरकार चालू 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगा रही है।
पंजाब सरकार ने पिछले सप्ताह मौसम की मार के कारण फसल के नुकसान के मुआवजे में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि किसान फसल को हुए नुकसान को ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवा सकते हैं और मई तक सभी किसानों को मुआवजा प्रदान कर दिया जाएगा।
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