नई दिल्ली। उन्नाव बलात्कार मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में आज हुई। आज कोर्ट ने सबसे पहले रेप पीड़िता के चाचा को तुरंत रायबरेली जेल से तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने का आदेश दिया। पीड़िता को लखनऊ के केजीएसयू अस्पताल से दिल्ली एम्स में शिफ्ट करने का निर्णय कोर्ट ने पीड़िता के परिवार पर छोड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा है कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का परिवार उसे लखनऊ के अस्पताल से एम्स स्थानांतरित करने पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। कोर्ट ने आगे कहा कि कोई भी मीडिया हाउस प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष तौर पर अथवा किसी भी तरीके से उन्नाव बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करेगा। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को सुबह सुनवाई शुरू होते ही जानना चाहा कि इस मामले में जांच कहां तक पहुंची है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पीठ ने कहा कि सीबीआई के जांच अधिकारी को बुलाएं, हम उनसे केस की जानकारी चाहते हैं। इस वजह से सुनवाई स्थगित करनी पड़ी थी। गौरतलब है कि कल कोर्ट ने सुनवाई शुरू करने के बाद आदेश दिया था कि उन्नाव रेप पीड़िता के केस की सुनवाई निचली अदालत 45 दिन में पूरी करे। इसके अलावा कोर्ट ने यूपी सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपए मुआवजे के देने का आदेश जारी किया था।