आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
हरियाणा सरकार प्रदेश में चल रहे सभी विश्वविद्यालयों के लिए अपनी नीति में थोड़ा बदलाव कर रही है। जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार ने वीसी के अलावा प्रो-वीसी की नियुक्तियों का फैसला विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया है। अब यदि विवि की कार्यकारी परिषद की बैठक में सहमति बनती है तो प्रो-वीसी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। असहमति की स्थिति में नियुक्ति संभव नहीं है।
22 विवि को भेजा प्रस्ताव (University will be able to appoint Pro-VC)
सरकार के फैसले के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने प्रो-वीसी लगाने संबंधी प्रस्ताव 22 विवि के वीसी को भेज दिया है। वीसी कार्यकारी परिषद की अगली बैठक में इसे सलाह-मशविरा और मंजूरी के लिए पेश करेंगे। विवि में शिक्षक वर्ग सरकारी प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी नहीं चाहते हैं। स्वायत संस्थान होने के कारण विवि के हाथ में बहुत से निर्णय अपने स्तर पर लेने के अधिकार हैं।
क्या इसलिए सरकार ने दी स्वीकृति (University will be able to appoint Pro-VC)
जानकारों का कहना है कि विवि में बहुत ज्यादा काम होने के चलते वीसी शैक्षणिक गतिविधियों पर फोकस नहीं रख पाते। इसके लिए अब सरकार ने फैसला लिया है कि सरकार वीसी से शैक्षणिक और प्रो-वीसी से प्रशासनिक कार्य लेने के पक्ष में है। प्रशासनिक निर्णय लेने का जिम्मा भी प्रो-वीसी पर रहेगा, जिससे विवि स्तर पर होने वाले शिक्षक और छात्र संगठनों के आंदोलन पर लगाम कसी जा सकेगी। उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा कि अभी विश्वविद्यालयों को प्रस्ताव भेजा है। सरकार प्रो-वीसी लगाना चाहती है, लेकिन इसका फैसला विवि की कार्यकारी परिषद करेगी।