इशिका ठाकुर,कुरुक्षेत्र:
- शिक्षकों के लिए गर्व का क्षण और युवा वैज्ञानिक के लिए प्रेरक कदमः प्रो. सोमनाथ सचदेवा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तथा साथ ही गुरु जम्भेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलसचिव प्रो अवनीश वर्मा तथा गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय साइंस एंड टेक्नोलॉजी की उनकी टीम को पेटेंट 2022 से सम्मानित किया गया है।
नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना
कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने इस उपलब्धि के लिए डॉ. अवनीश वर्मा व उनकी पूरी टीम को बधाई दी। प्रो सोमनाथ ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है कि यह टीम शिक्षाविदों में उत्कृष्ट है और विश्वविद्यालय में शोध के माहौल को जीवित रख रहे हैं। यह सभी युवा वैज्ञानिक और संकाय सदस्यों के लिए एक प्रेरक कदम है। कुलपति ने कहा कि पेटेंट का उद्देश्य नवाचार और नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना है। सबसे पहले तो ये समझने की ज़रूरत है कि पेटेंट एक अधिकार है जो उस व्यक्ति या संस्था को किसी बिल्कुल नई सेवा, प्रक्रिया, उत्पाद या डिज़ाइन के लिए प्रदान की जा सकती है ताकि कोई उनकी नकल नहीं तैयार कर सके।
मूड मॉनिटरिंग सिस्टम के बारे में बताया
जीजेयू हिसार, कुलसचिव डॉ. अवनीश वर्मा ने बताया कि इस पेटेंट को मूड मॉनिटरिंग सिस्टम और उसके तरीके के रूप में नामित किया गया है। इस आविष्कार में सरदुल सिंह धयाल, डॉ अवनीश वर्मा, डॉ. सत्य देव, डॉ. अनुपमा सांगवान, श्रीमती ममता, जीजेयू हिसार की सुश्री भारती शर्मा, मोदी विश्वविद्यालय राजस्थान से सुश्री सोनू, डीटीयू, दिल्ली से आर्यन और पीईसी चंडीगढ़ से मिस शेरोन की महत्वपूर्ण भूमिका है। पेटेंट के आवेदक सरदुल सिंह धयाल, डॉ. अवनीश वर्मा, डॉ. सत्य देव और सुश्री सोनू हैं।
इस मौके पर मौजूद
उन्होंने बताया कि पेटेंट के सार से पता चलता है कि जैविक क्वांटम डॉट्स आधारित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बहुलता को नियोजित करने वाली मनोदशा निगरानी प्रणाली का खुलासा किया गया है। एक पहनने योग्य उपकरण जिसे उपयोगकर्ता की कलाई के चारों ओर पहनने के लिए कॉन्फ़िगर किया गया है, जिससे कहा जा सकता है कि पहनने योग्य उपकरण में कार्बनिक सेंसर की बहुलता होती है जो हृदय गति (बीपीएम) और एक पल्स मॉनिटर के माध्यम से उक्त उपयोगकर्ता के मूड का पता लगाने या समझने के लिए कॉन्फ़िगर किया गया है। इस मौके पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. सुनील ढींगरा व डॉ. दीपक राय बब्बर मौजूद थे।
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