सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने के तहत यूनिवर्सल कार्टन बाजार में उतारा गया
Himachal News (आज समाज), शिमला। हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति में जहां सेब की खास अहमियत है वहीं यह प्रदेश के लाखों लोगों की जिंदगी को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। बागवानी के धंधे से जुड़े लोगों की अक्सर ये शिकायत रहती थी कि सेब के दाम सही न मिलने के चलते उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। दाम सही न मिलने के चलते सैकड़ों लोग सेब बागवानी से किनारा कर चुके थे।
जिसके बाद प्रदेश सरकार ने बागवानों को इस परेशानी से निकालने के लिए अनूठी तकनीक इजाद की। सेब की पैकिंग समाधान की आवश्यकता और सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर दामों की आवश्यकता के तहत यूनिवर्सल कार्टन को बाजार में उतारा गया। अब इसकी उपयोगिता कारगर साबित हो रही है। इस बार न केवल सेब बागवानों को उचित दाम मिल रहे हैं बल्कि वे मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं।
पारंपरिक कार्टन नहीं था ज्यादा उपयोगी
पारंपरिक कार्टन के उपयोग से जहां सेब को सही से पैक करने में परेशानी होती थी वहीं उससे सेब जल्दी ही खराब होने लगता था। यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को मानकीकृत, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली पैकिंग सुविधा प्राप्त हुई है जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई व बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इससे सेब को होने वाली क्षति से बचाया जा सकता है व गुणवत्ता बनी रहती है। इससे जहां बागवानों को सेब की कीमत तय करने का अधिकार मिला है, वहीं बिचौलियों और व्यापारियों की निर्भरता से बागवान का बचाव होगा। बागवानों की आय में वृद्धि तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सल कार्टन महत्त्वपूर्ण कदम है। अन्य फसलों के लिए भी ये पहल एक आदर्श के रूप में देखा जा रही है।
देश की विभिन्न मंडियों में पहुंच रहा सेब
आंकड़ों की बात करें तो इस वर्ष सेब सीजन के दौरान प्रदेश में 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार 542 यूनिवर्सल कार्टन से सेब की फसल अभी तक देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाई जा चुकी है। सेब के मिल रहे दाम से बागवानों में जोश है और सरकार को भी उम्मीद है कि आने वाले समय में सेब की खेती से प्रदेश व प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। जिसके लिए यूनिवर्सल कार्टन का अहम रोल साबित होगा।