अनुच्छेद 370 और 35ए की समाप्ति से मिली एकात्मकता: प्रो. कुमार

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Unity Achieved Abolition Of Article 370
Unity Achieved Abolition Of Article 370

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग रहा है और वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 और 35ए की समाप्ति के बाद यह देश की राजनैतिक और प्रशासनिक एकात्मकता में समाहित होता है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संवैधानिक स्वरूप में आया यह बदलाव बेहद निर्णायक रहा और इसके तीन साल पूरे होने पर आवश्यक हो जाता है कि इस परिवर्तन के परिणामों पर विमर्श किया जाए।

31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक होगा कार्यक्रम

यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने शुक्रवार को अंडरस्टेंडिंग जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आर्टिकल 370 और आफ्टर विषय पर केंद्रित राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन का सूचना पत्र जारी करते हुए व्यक्त किए। विश्वविद्यालय कार्यक्रम आगामी 31 अक्टूबर से 2 नवम्बर के बीच करने जा रहा है। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने आयोजन से संबंधित सूचना पत्र जारी करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए के चलते जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ लंबे समय से हो रहे भेदभाव का जिस तरह से अंत हुआ है वह बेहद सराहनीय है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले को तीन वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, वहां की बदली हुई परिस्थितियों को देशभर में महसूस किया जा रहा है।

शोध पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर

कुलपति ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से संबंधित इस उल्लेखनीय बदलाव को भारत की एकात्मकता से जोड़ते हुए कहा कि अवश्य ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का यह कदम न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि समूचे भारत के इतिहास का निर्णायक कदम है। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाला यह दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अनुच्छेद 370 और 35ए के समाप्त होने के बाद पिछले तीन वर्षों में वहाँ बदले हालात पर केंद्रित रहेगा। इस सम्मेलन के विषय में विभाग के सह-आचार्य शांतेश कुमार सिंह और सहायक आचार्य डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस सेमिनार में जम्मू-कश्मीर में साक्षरता की स्थिति वहां की भौगोलिक परिस्थितियों, कला के विकास, आधुनिक राजनीति और मानव सुरक्षा से जुड़े विषयों पर विस्तार से संवाद किया जाएगा। आयोजन के लिए शोधपत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर निर्धारित है।

ये लोग रहे उपस्थित

विश्वविद्यालय कुलपति द्वारा अक्टूबर माह में होने जा रहे इस आयोजन का सूचना पत्र जारी करने के अवसर पर कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, सह-आचार्य डॉ. मनोज कुमार, सहायक आचार्य डॉ. मनीष कुमार, निशान सिंह सहित राजनीति विज्ञान विभाग के विद्यार्थी, शोधार्थी उपस्थित रहे।

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