United Nations Population Fund Report: चीन को पछाड़  भारत बना सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश

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United Nations Population Fund Report
चीन को पछाड़  भारत बना सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश

United Nations Population Fund Report, आज समाज: चीन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन गया है। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में अब चीन के मुकाबले करीब 30 लाख ज्यादा लोग हैं। आंकड़ों के मुताबिक, भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख है। वहीं चीन की जनसंख्या 142 करोड़ 57 लाख ही है। इस वर्ष की शुरुआत में ही ग्लोबल विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि 2023 में भारत सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। यूएनएफपीए के नए आंकड़ों ने इस पर मुहर भी लगा दी है।

  • चीन की आबादी 142.57 करोड़, भारत की 142.86 पहुंची
  • अमेरिका 34 करोड़ की आबादी के साथ तीसरे नंबर पर

एक साल में भारत की जनसंख्या 1.56 फीसदी बढ़ी

यूएनएफपीए की रिपोर्ट के अनुसार एक साल में भारत की जनसंख्या 1.56 फीसदी बढ़ी है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो अमेरिका 34 करोड़ की आबादी के साथ तीसरे नंबर पर है। वहीं यूएनएफपीए की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 वर्ष के आयु वर्ग की है। वहीं 18 फीसदी 10 से 19 आयु वर्ग, 26 फीसदी 10 से 24 आयु वर्ग, 68 फीसदी 15 से 64 वर्ष आयु वर्ग में और 65 वर्ष से ऊपर 7 फीसदी है।

लगभग तीन दशकों तक आबादी के बढ़ते रहने की उम्मीद

विभिन्न एजेंसियों के अनुमानों ने सुझाव दिया है कि भारत की जनसंख्या लगभग तीन दशकों तक बढ़ती रहने की उम्मीद है। इससे आबादी 165 करोड़ हो सकती है। जनसंख्या विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र के पिछले आंकड़ों का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया था कि भारत इस महीने चीन को पीछे छोड़ देगा।

2011 में हुई थी भारत की जनगणना

विशेषज्ञों द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक यह नहीं पता है कि इस बदलाव में कितना समय लगेगा, लेकिन बुधवार दोपहर तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। हालंकि भारत की जनगणना साल 2011 में हुई थी। यूएन 1950 से दुनिया में आबादी से जुड़ा डेटा जारी कर रहा है। तब से ये पहला मौका है जब भारत ने जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ा है। पिछले साल जारी एक रिपोर्ट में सामने आया था कि पिछले 6 दशकों में पहली बार चीन की जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

आम लोगों पर पड़ रहा बढ़ती आबादी का असर

गौरतलब है, पिछले साल छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट आई थी। इसके बाद चीन की आबादी में गिरावट ही सामने आ रही रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2011 के बाद से औसतन 1.2 फीसदी रही है, जबकि पिछले 10 वर्षों में यह 1.7 फीसदी थी। यूएनएफपीए इंडिया के प्रतिनिधि एंड्रिया वोजनार ने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या का असर आम लोगों पर पड़ रहा है।

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