United Nations Chief: बच्चों के लिए कब्रगाह बनता जा रहा गाजा

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United Nations Chief
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस।

Aaj Samaj (आज समाज), United Nations Chief, जेनेवा: इजरायल-हमास जंग में बच्चों की मौतों का आंकड़ा देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने फिर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि गाजा बच्चों के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर से 6 नवंबर तक हमलों में 4,104 बच्चे मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का अनुमान है कि पांच नवंबर तक लगभग 1,270 बच्चे लापता बताए गए यानी वे मलबे में फंसे हो सकते हैं।

4 वर्षों में सालाना मारे जाने वाले बच्चों की संख्या से अधिक

एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े सही हैं, तो संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, संघर्ष शुरू होने के बाद से मारे गए बच्चों की संख्या पिछले चार वर्षों में वैश्विक स्तर पर सालाना मारे जाने वाले बच्चों की संख्या से अधिक हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, घनी आबादी वाले गाजा पट्टी में 2 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं और हवाई हमलों के कारण लगभग 1.5 मिलियन लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं।

7 अक्टूबर से जारी है इजरायल-हमास के बीच जंग

इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने 13 अक्टूबर को गाजा के उत्तरी भाग में रहने वाले लोगों को दक्षिण की ओर खाली करने के लिए कहा, लेकिन इसके बावजूद इजरायल ने दक्षिण में हवाई हमले को अंजाम दिया। बता दें कि हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल के शहरों पर अचानक हजारों रॉकेट दागे गए थे और उसके बाद से दोनों पक्षों में जंग जारी है।

अब भी हमास के कब्जे में करीब 220 बंधक

हमास के आतंकी 7 अक्टूबर को गाजा से सटे इजरायल के कई शहरों में घुस गए और कई लोगों को वे बंधक बनाकर भी ले गए। कई की हत्या कर दी। अब भी हमास के कब्जे में करीब 220 बंधक हैं। हमलों 10 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। लगातार बमबारी से गाजा में बच्चों के मौतों का आंकड़ा इसलिए बढ़ता जा रहा है, क्योंकि गाजा दुनिया की सबसे अधिक बच्चों की आबादी वाला शहर है।

बेंगलुरु में फलस्तीन के समर्थन में जुलूस निकालने पर एफआईआर

बेंगलुरु पुलिस ने फलस्तीन के समर्थन में मौन जुलूस निकालने के आरोप में कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि फलस्तीनियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सेंट मार्क रोड पर तख्तियां और पोस्टर लेकर रविवार को मौन जुलूस निकालने वाले लोगों के समूह के पास विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं थी।

उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के तहत प्रदर्शन केवल फ्रीडम पार्क में ही किए जा सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि मौन जुलूस की वजह से लोगों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न हुई और इस बाबत शिकायत मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है।

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