रोहतक। (सोनू भारद्वाज) 26 जून को पूरे देश के किसान एकजुट होकर विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के जरिये राष्ट्रपति को रोषपत्र भेजकर तीन कृषि कानून रद्द करने और एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि इस किसान आंदोलन के साथ देश की अब तक 98 फीसद आबादी साथ है। जबकि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में इन कानूनों को लागू करके आम जनता का जीना मुहाल करने पर अमादा है। यह बात आज संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य योगेन्द्र यादव ने स्थानीय मैना पर्यटक केंद्र पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस समय देश के एतिहासिक आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। इसमें देश भर के लगभग 500 संगठन सीधे जुडकर तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए आंदोलनरत हैं। आंदोलन लगातार आगे बढ़ता जा रहा है और 26 जून को इस आंदोलन के दिल्ली में शुरू हुए सात महीने का वक्त हो जायेगा।
26 जून इमरजेंसी दिवस
26 जून का दिन देश में इमरजेंसी दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए देश में अघोषित इमरजेंसी को हटवाने के लिए इस दिन को चुना गया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन आंदोलन अब एक नये चरण में प्रवेश कर रहा है। अब तक किसान आंदोलन को किसानों के आंदोलन के रूप में देखा गया तथा इसमें किसानों के मुद्दे उठाये गये। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि वे किसानों से एक कॉल की दूरी पर हैं, लेकिन वो कॉल आज तक नहीं आया। कृषि मंत्री कहते हैं कि आधी रात को बात करने को तैयार हूं बशर्ते कि किसान 3 कृषि कानूनों को रद्द करने की बात न करें। सच बात यह है कि सरकार आज भी इस घमंड में है कि वे इस आंदोलन को खत्म कर सकती है, थका सकती है तथा किसी न किसी बहाने उजाड़ सकती है। किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन सरकार यह भूल रही है कि यह देश के करोड़ों किसान परिवारों से जुड़ा हुआ मामला है। सात महीनों से संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन अच्छी तरह से चल रहा है। मेरा मानना है कि सरकार बातचीत में जितना देरी करेगी उसे उतना ही ज्यादा नुक्सान होगा।
भाजपा सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। किसान आंदोलन स्वयं किसानों ने अपने बलबूते पर खड़ा किया है किसी पार्टी की मेहरबानी से नहीं और यह तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार तीन कृषि कानूनों को खत्म नहीं करती तथा एमएसपी की गारंटी कानून नहीं बनाती।
लोकहित संस्था के प्रधान एडवोकेट चंचल नांदल ने कहा कि किसान आंदोलन पिछले 6 महीनों से लगातार जारी है। जिसमें सभी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं तथा इसको कामयाब बनाने में लगे हुए हैं। 26 जून से हम लोकतंत्र बचाने की लड़ाई शुरू कर रहे हैं। इन दिनों इतने आंदोलन चल रहे हैं जिनसे सरकार की पोल खुल गई है। संयुक्त किसान मोर्चा अब लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ेगा तथा उनका संगठन भी 26 जून को चंडीगढ़ में राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपकर 3 काले कानूनों को रद्द करने की मांग करेगा। पत्रकार वार्ता में कामरेड इन्द्रजीत, कामरेड प्रेम सिंह गहलावत, जय किसान मोर्चा दीपक लांबा, कामरेड सत्यवान, एडवोकेट चंचल नांदल, सुमित आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।