शिमला। हिमाचल सरकार प्रदेश के सीमावर्ती चीन के साथ लगते क्षेत्रों में सामरिक दृष्टि से जरूरी आधार भूत संरचना और सड़कों के नेटवर्क को मंजबूत करने की जरूरतों को केंद्रीय मंत्री के साथ प्रमुखता से उठने वाली है। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से चीन से सटे सामरिक मार्गों का मुद्दा उठाने और सीमा के साथ लगते हिमाचल के क्षेत्रों को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए हिमाचल सरकार पहले भी केंद्र को बता चुकी है।
जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा सीमावर्ती लाहौल-स्पीति क्षेत्र की दो सड़कों समदो-ग्रांफू और तांदी-संसाली नाला को स्थायी रूप से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपने की बात कर रहें है। क्योंकि कई विभागों के बीच कागजों में चक्कर काट रही इन बेहद महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के देरी हो रही है। पहले साल 1979 और 2012 से ये सड़कें लोक निर्माण विभाग और बाद में बीआरओ और दोबारा पीडब्ल्यूडी के पास घूमती रही हैं।
वर्तमान में इन सामरिक सड़कों की हालत ठीक नही है। सरकार इन्हें बीआरओ के पास देकर जल्द इनके मुरम्मत और रख रखाव को उच्च स्तरीय बनाना चाहती है ताकि जरूरत पड़ने पर सेना और जवानों को मुश्किलें न हो। केंद्रीय मंत्री गडकरी दोपहर बाद 3:30 बजे कुल्लू के भुंतर एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। उनका परिवार के साथ पांच दिन के लिए कुल्लू-मनाली में रुकने का कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के केंद्रीय मंत्री से कुल्लू में 24 जून को मुख्यमंत्री सुबह गडकरी से मुलाकात करेंगे। दोपहर बाद गडकरी के अटल टनल रोहतांग जाएंगे। गडकरी हिमाचल प्रदेश के लिए विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। सरकार के साथ प्रदेश में निमार्णाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर मुख्यमंत्री के साथ समीक्षा भी करेंगे।