Aaj Samaj (आज समाज), Union Home Ministry Action, नई दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में अरसे से जारी तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत बड़ा एक्शन लिया है। मंत्रालय ने मैतेई चरमपंथी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) समेत कई संगठनों को पांच वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। सोमवार को इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसके अनुसार प्रतिबंध 13 नवंबर 2023 से अगले पांच साल तक प्रभावी रहेगा। गृह मंत्रालय की अधिसूचना में बताया गया है कि इन संगठनों का लक्ष्य सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से मणिपुर को भारत से अलग करके एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना करना और मणिपुर के स्वदेशी लोगों को इस तरह के अलगाव के लिए उकसाना है।
प्रतिबंधित किए गए समूहों में ये शामिल
प्रतिबंधित किए गए समूहों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए) शामिल हैं। पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी आफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) और इसकी सशस्त्र शाखा रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) और इसकी सशस्त्र शाखा (जिसे रेड आर्मी भी कहा जाता है), कांगलेई याओल कनबा लुप (केवाईकेएल), समन्वय समिति ( कोरकॉम), और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कंगलेइपक (एएसयूके) शामिल हैं।
प्रतिबंध पांच साल आगे तक के लिए बढ़ाया गया
बता दें कि गृह मंत्रालय ने वर्षों पहले पीएलए, यूएनएलएफ, पीआरईपीएके, केसीपी, केवाईकेएल को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था और यह हालिया कार्रवाई से प्रतिबंध पांच साल आगे तक के लिए बढ़ाया गया है। अधिसूचना में, मंत्रालय ने कहा कि तत्काल नियंत्रण नहीं किया गया तो चरमपंथी संगठन अपनी अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ा सकते हैं। सरकार का मानना है कि ये समूह राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक ताकतों के साथ सहयोग कर सकते हैं, नागरिक हत्याएं कर सकते हैं, पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को निशाना बना सकते हैं, अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से अवैध हथियार और गोला-बारूद खरीद सकते हैं और गैरकानूनी गतिविधियों के लिए धन की उगाही कर सकते हैं।
यूएपीए के तहत ये हैं प्रावधान
अधिसूचना में कहा गया है कि परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार, यूएपीए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, इन चरमपंथी संगठनों को ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित करती है। बता दें कि आठ जुलाई, 2019 को गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया था। यह विधेयक 1967 के गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम को संशोधित करता है, जो अन्य मामलों के अलावा, आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए विशिष्ट प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करता है।
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