India Organ Donation, (आज समाज), नई दिल्ली: आर्गन डोनेट यानी अंगदान करने के मामले में भारत की महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष 2023 में 16, 542 अंगदान हुए जिनमें से 9784 महिलाओं ने आर्गन डोनेट किए, वहीं 5651 पुरुषों ने इस दौरान अंग दान किए। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस संबंध में डेटा जारी किया है, जिसके अनुसार ज्यादा महिलाएं जीवित दाता यानी अलाइव डोनर थीं।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले साल कुल 18, 378 आर्गन ट्रांसप्लांट भी किए गए है, जिनमें 13,426 किडनी ट्रांसप्लांट सबसे ज्यादा थे। नेशनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (एनएटीटीओ) की रिपोर्ट के अनुसार किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में दिल्ली 2576 मामलों के साथ सबसे आगे है। वहीं महाराष्ट्र में 2023 में 1,305 मामले सामने आए हैं। तमिलनाडु में यह आंकड़ा 1633 रहा है। पिछले साल तमिलनाडु में सबसे अधिक 70 हार्ट के प्रत्यारोपण हुए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक अंगदान करने वाले मृत पुरुषों की संख्या अधिक है, जिसमें 844 पुरुषों ने अपने आर्गन डोनेट किए हैं। वहीं 2023 में 255 मृत महिलाओं ने अंगदान किए हैं। पिछले 10 वर्षों में आर्गन डोनेशन में लगभग 4 गुना की वृद्धि हुई है। 2013 में कुल आर्गन डोनर जहां 4990 थे, वहीं 2023 में बढ़कर यह संख्या 17, 168 हो गई। इसके बावजूद देश में अंगदान दर अब भी प्रति 10 लाख की जनसंख्या में एक से नीचे है।
किसी भी उम्र का ब्रेनस्टेम मृत डोनर अपने आठ महत्वपूर्ण अंग दान कर सकता है। इनमें लीवर, पैंक्रियाज, कॉर्निया, हड्डी, छोटी आंत, हार्ट, हार्ट वाल्व, त्वचा, 2 किडनी और 2 फेफड़े, शामिल हैं। इसके अलावा 18 या उससे अधिक उम्र के बाद जीवित डोनर एक किडनी या लीवर का केवल एक हिस्सा डोनेट कर सकते हैं।
लिविंग आर्गन डोनेशन में सबसे पहले अंगदान करने वाले के कुछ मेडिकल टेस्ट किए जाते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि व्यक्ति डोनेशन के लिए उपयुक्त है या नहीं। इन टेस्ट में सबसे अहम दो पहलू हैं। एक डोनर व रिसीवर की कंपैटिबिलिटी तथा दूसरा डोनर का शारीरिक रूप से स्वस्थ होना। सभी टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव होने व डॉक्टर के प्रमाण-पत्र के बाद अंगदान करने वाले के शरीर से दान किया जा रहा हिस्सा सर्जिकली निकाला जाता है। इसके बाद उसे रिसीवर के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है। डोनर को भी अंगदान के बाद कई सप्ताह तक मेडिकल सुपरविजन में रखा जाता है।
अचानक मृत्यु के बाद मृतक व्यक्ति का अंगदान किया जा सकता है। इसके लिए अंगदान करने वाले के परिवार की सहमति सबसे जरूरी है। फिर मेडिकल देखरेख में मृतक के ट्रांसप्लांट किए जा सकने वाले अंग सर्जिकली रिमूव किए जाते हैं और उसके बाद बॉडी सम्मान सहित मृतक के परिवार को वापस कर दी जाती है।
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