Union Cabinet: किसानों को नए साल के पहले दिन मोदी सरकार का तोहफा, 1350 रुपए में मिलती रहेगी 50 किलो डीएपी खाद

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Union Cabinet: नए साल के पहले दिन किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, 1350 रुपए में मिलती रहेगी 50 किलो डीएपी खाद
Union Cabinet: नए साल के पहले दिन किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, 1350 रुपए में मिलती रहेगी 50 किलो डीएपी खाद
  • फसल बीमा योजना को जारी रखने को भी दी मंजूरी 
  • तकनीक व नवाचार के लिए 824.77 करोड़ बजट 
  • फसल बीमा योजना का आवंटन 69516 करोड़ 

Union Cabinet Meeting, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए साल के पहले दिन किसानों को तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में कैबिनेट ने आज किसानों के हित में कई फैसले लिए। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने मौसम आधारित फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा डीएपी खाद का 50 किलो का बैग पहले की तरह 1350 रुपए में मिलता रहेगा।

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एकमुश्त विशेष पैकेज के विस्तार को भी मंजूरी

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक के लिए मौजूदा पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना से परे एकमुश्त विशेष पैकेज के विस्तार को भी मंजूरी दी है। आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विस्तार का उद्देश्य मूल्य स्थिरता बनाए रखना और वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव व भू-राजनीतिक तनाव से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करना है। स्वीकृत प्रस्ताव के तहत एनबीएस सब्सिडी के अलावा 3,500 रुपए प्रति मीट्रिक टन का विशेष पैकेज लागू किया जाएगा।  यह 1 जनवरी, 2025 से अगले निर्देश तक जारी रहेगा, जिससे किसानों के लिए किफायती कीमतों पर डीएपी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

खाद बनाने वाले कंपनियों को 3850 करोड़ एक्सट्रा सब्सिडी

अश्विनी वैष्णव के मुताबिक कैबिनेट ने डीएपी खाद बनाने वाले कंपनियों को 3850 करोड़ रुपए की एक्सट्रा सब्सिडी देने की घोषणा की है। इस फैसले से किसानों को डीएपी की 50 किलो की एक बोरी 1,350 रुपए में मिल सकेगी। वहीं मंत्रिमंडल ने मौसम आधारित फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के आवंटन में वृद्धि कर इसे 69, 516 करोड़ रुपए कर दिया है।

2021-22 से 2025-26 तक इस योजना पर 69,515.71 करोड़ का कुल खर्च  होगा। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार फसल बीमा नहीं देने पर पेनल्टी नहीं लगेगी। मंत्रिमंडल ने कृषि जगत में प्रौद्योगिकी के साथ ही नवाचार यानी इनोवेशन को विस्तार देने के उद्देश्य से 824.77 करोड़ रुपए के बजट को भी मंजूरी दे दी है। इस फंड का उपयोग योजना के तहत तकनीकी पहलों के वित्तपोषण के लिए किया होगा।

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